सुनो सरकार! कैसे होगा नौनिहालों का भविष्य उज्जवल, चौपाल में बैठकर पढ़ने को मजबूल बच्चे
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1710772

सुनो सरकार! कैसे होगा नौनिहालों का भविष्य उज्जवल, चौपाल में बैठकर पढ़ने को मजबूल बच्चे

Haryana Education: सोनीपत के इस विद्यालय में जिंदगी और मौत के बीच बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल के पास अपना एक ही कमरा था और वह भी जर्जर होने के कारण बच्चे उसमे बैठ नहीं सकते. टीचर बच्चों को चौपाल में बैठाकर पढ़ाने को मजबूर है. गांव में यह स्कूल कम तबेला ज्यादा नजर आता है, देखिए खास रिपोर्ट 

सुनो सरकार! कैसे होगा नौनिहालों का भविष्य उज्जवल, चौपाल में बैठकर पढ़ने को मजबूल बच्चे

Haryana Education: सोनीपत में डेरा पूर्बिया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में जिंदगी और मौत के बीच बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूल के पास अपना एक ही कमरा था और वह भी जर्जर होने के कारण बच्चे उसमे बैठ नहीं सकते. टीचर बच्चों को चौपाल में बैठाकर पढ़ाने को मजबूर है. गांव में यह स्कूल कम तबेला ज्यादा नजर आता है, देखिए इस खास रिपोर्ट में

जानें, क्या है पूरी खबर

सोनीपत में डेरा पूर्बिया में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बदतर हालात में पढ़ाई हो रही है. 22 बच्चे एक ही कमरे में बैठकर पढ़ाई करते थे, लेकिन स्कूल के एक कमरे की छत का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरा तो टीचर गांव की चौपाल में क्लास लगाने को मजबूर हैं.  हालात इतने बदतर है की बच्चे बरामदे में बैठकर भी पढ़ाई कर रहे हैं और बरामदे का भी प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. बरामदे में जहां बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं उसके साथ ईटों की ऐसी दीवार खड़ी की गई है, जिसमें चिनाई नहीं की गई है.

खतरे के साए पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे

बिना सीमेंट के ही यह दीवार खड़ी हुई है और विद्यालय में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को जब भी टॉयलेट जाना होता है तो बरामदे में लगी हुई दीवार के छोटे से रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है और बचपन अगर बच्चे गलती से इस दीवार को हाथ लगा दें, तो यह कभी भी गिर सकती है और खतरों के साए में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. वही स्कूल के हालात स्वच्छता को लेकर भी काफी बदतर है. गांव के लोग इसी बरामदे से होकर टॉयलेट के पास खुले में गंदगी डाल रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Haryana Govt Job Alert: अगले 4 महीनों में ग्रुप C और D समेत अन्य विभागों में भर्ती प्रक्रिया होगी शुरू, मनोहर लाल ने की घोषणा

इस गंदगी की बदबू को रोकने के लिए यह टेंपरेरी और खतरनाक दीवार खड़ी की गई है. पहले एक तरफ जहां बच्चों की पढ़ाई चल रही होती थी, तो वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण कूड़ा दान लेकर बच्चों की क्लास के बीच से बरामदे से होकर कूड़ा डालने के लिए आते थे, लेकिन टीचरों की अपील के बाद स्कूल टाइम में आना बंद हो गए हैं, लेकिन स्कूल टाइम से पहले और स्कूल टाइम के बाद बच्चों के टॉयलेट के साथ खुले में गंदगी डालने से भी बाज नहीं आ रहे हैं.

ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है और वही शिक्षा की ऐसी व्यवस्था हो तो कैसे नौनिहालों का भविष्य उज्जवल हो पाएगा. पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि जिले में जर्जर स्कूलों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत सिविल वर्क करवाए जाएंगे और एस्टीमेट बनवा कर शिक्षा मुख्यालय में रिपोर्ट भेजी गई है और उसी पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा डेरा पूर्बिया स्कूल भी है. वही स्कूल टीचरों का कहना है कि स्कूल का एक ही कमरा है और दिसंबर महीने में स्कूल की छत का लेंटर टूट कर गिर गया था.

ये भी पढ़ेंः Palwal Crime News: पुलिस ने सैक्स रैकेट का किया भंडाफोड़, संबंध बना लोगों को ब्लैकमेल कर ऐंठती थीं पैसे

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि छुट्टी वाले दिन लेंटर गिरने से बच्चों की जान बच गई और इस कारण गांव की चौपाल का एक कमरा उन्होंने लिया हुआ है और इसी में बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं और कुछ बच्चे बरामदे में भी बैठते हैं. वही टीचर ने बताया कि गांव के लोगों का साइड में एक प्लॉट है और लोग स्कूल प्रांगण से ही निकलते हैं और इसी कारण लोग यहां पर दीवार खड़ी नहीं होने देते.  वही गांव के कुछ लोग हैं अपने प्लॉट का हवाला देकर गंदगी डालने से बाज नहीं आ रहे हैं. तो वही, गांव का कोई अपना सरपंच भी नहीं है और नजदीक के दूसरे गांव की पंचायत ही इस गांव की जिम्मेदारी उठाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि यहां के विद्यालय के हालात काफी खराब है. टीचरों ने नया कमरा बनवाने की मांग उठाई है.

(इनपुटः सुनिल कुमार)

Trending news