Haryana Budget : कौशल विकास के लिए 50 राजकीय विद्यालयों और बहुतकनीकी संस्थानों में कौशल स्कूल शुरू किए जाएंगे. 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के युवाओं के फॉरेन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च सरकार वहन करेगी.
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नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने इस बार के बजट में शिक्षा, खेल कला और संस्कृति के क्षेत्र में 20340 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पिछले साल यह बजट 19698 करोड़ रुपये था. वहीं तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास व औद्योगिक प्रशिक्षण के लिए 1663 का प्रावधान किया गया है.
उन्होंने बताया कि दो लाख बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. युवाओं के लिए स्टार्ट अप स्थापित करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों के सहयोग से 'वेंचर कैपिटल फंड' बनाया जाएगा. इसके लिए 200 करोड़ रुपये का कोष बनाया जाएगा. युवाओं को कौशल सशक्त बनाने के लिए 'मुख्यमंत्री कौशल मित्र फैलोशिप' योजना शुरू की जाएंगी. हर वर्ष लगभग 5,000 युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में कौशल केंद्र स्थापित किया जाएगा.
आईटीआई में प्रवेश लेने वाली लड़कियों को वित्तीय मदद
इसके अलावा कौशल विकास के लिए 50 राजकीय विद्यालयों और बहुतकनीकी संस्थानों में कौशल स्कूल शुरू किए जाएंगे. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए मानेसर में एक उत्कृष्टता केंद्र खोला जाएगा. 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के युवाओं के फॉरेन लैंग्वेज सर्टिफिकेशन टेस्ट का खर्च सरकार वहन करेगी. सरकारी आईटीआई में प्रवेश लेने वाली 3 लाख रुपये वार्षिक से कम पारिवारिक आय वाले परिवार की हर लड़की को 2,500 रुपये की मदद दी जाएगी. ग्रुप सी और ग्रुप डी में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के माध्यम से 65 हजार से ज्यादा भर्ती की जाएंगी.
सीएम ने बताया कि हर वर्ष लगभग 5,000 युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स और प्रोग्रामिंग तथा विद्युत वाहन विनिर्माण के क्षेत्र में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण देने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों के सहयोग से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए कौशल केंद्र खोला जाएगा. यह ट्रेनिंग ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड मोड में दी जाएगी. यह केंद्र प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ युवाओं के लिए इंटर्नशिप के अवसर भी प्रदान करेगा.
विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग दी जाएगी
894 सरकारी स्कूलों में 70427 डेस्क प्रदान किए जाएंगे, ताकि बच्चों को जमीन पर न बैठना पड़े. प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए 1000 स्नातक छात्रों को सरकारी कॉलेजों में कोचिंग दी जाएगी. 1.80 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग प्रदान की जाएगी. 1.80 लाख से 3 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों के विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. इसके अलावा 4000 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में बदला जाएगा.