New Hit And Run Law Protest: झज्जर में विरोध जताने के लिए बस स्टैंड से चलने वाली प्राईवेट बस के चालकों ने हड़ताल की. चेतावनी दी कि अगर हिट एंड रन कानून वापिस नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर वह जाने को मजबूर होंगे.साथ ही रोडवेज यूनियन के प्रधान ने कहा कि कल दोपहर तक का ही डीजल उनके पास है. उसके बाद रोडवेज बसें भी बंद हो जाएगी.
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Haryana New Hit And Run Law Protest: नए कानून हिट एंड रन को लेकर हरियाणा के झज्जर और फतेहाबाद में जमकर विरोध हो रहा है. ड्राइवर और ड्राइविंग से संबंधित नए कानून को लेकर ड्राईवर्स में रोष है, जिसको लेकर ड्राइवर्स द्वारा लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया गया. उन्होंने सरकार के निर्णय को अनुचित बताया. उनका कहना है कि 10 हजार प्रति माह कमाने वाले ड्राईवर पर लाखों का जुर्मान और कैद सरासर अन्यायपूर्ण है. चेतावानी देते हुए कहा कि सरकार ने कानून रद्द नहीं किए तो धरने प्रदर्शन से लेकर ड्राइवर वर्ग बड़े निर्णय ले सकता है. अपनी मांगों के समर्थन में उन्होंने सौंपा ज्ञापन है.
बता दें कि झज्जर में विरोध जताने के लिए बस स्टैंड से चलने वाली प्राईवेट बस के चालकों ने हड़ताल की. जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. चालकों ने इस कानून को रद्द करने की मांग की. ड्राईवरों का कहना है कि हिट एंड रन मामले में दोषी पाए जाने पर चालकों को दस साल की सजा व पांच लाख रूपये जुर्माने का प्रावधान है, जोकि न्यायसंगत नहीं है. ड्राईवरों का तर्क था दुर्घटना होने पर जनता उन्हें घेरकर पीटती है. इसलिए जान बचाने के लिए भागना जरूरी है. ड्राईवरों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर हिट एंड रन कानून वापिस नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर वह जाने को मजबूर होंगे.
रोडवेज यूनियन के प्रधान ने कहा कि कल दोपहर तक का ही डीजल उनके पास है. उसके बाद रोडवेज बसें भी बंद हो जाएगी. प्राइवेट बस चालकों ने चेतावनी भी दी कि जब तक कानून वापिस नहीं होगा तब तक वह अपनी प्राईवेट बसें नहीं चलाएंगें.
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वहीं फतेहाबाद में ऑल ड्राईवर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के बैनर तले एकत्र हुए चालकों ने सरकार के निर्णय को गलत और अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि एक ड्राइवर की मासिक आय केवल 10 से 12 हजार रुपये है और वे अपनी जान को जोखिम में ड़ालकर दिन रात सड़क पर गाड़ी चलाकर लोगों तक उनकी जरूरत का सामान पहुंचाते हैं. यहां तक कि लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाते हैं. मगर उनकी न्यूनतम आय को लेकर सरकार ने आज तक नहीं सोचा, लेकिन इस प्रकार के कानून बनाकर उन पर तलवार जरूर लटका दी है.
चालकों ने कहा कि 10 हजार प्रति माह कमाने वाला एक ड्राइवर अपने घरों की जरूरतों को तो पूरा कर नहीं सकता और अगर कहीं कोई दुर्घटना हो जाती है तो उस पर लाखों का जुर्माना और कैद भुगतना कहां तक न्याय संगत हैं. प्रदर्शन कर रहे ड्राईवर्स ने इन कानूनों को तुरंत वापिस लिए जाने की मांग की. फतेहाबाद में भी उन्होंने इस संबंध में सीटीएम के माध्यम से सरकार को एक ज्ञापन भी सैंपा है. ड्राईवर्स ने सरकार को आगाह किया कि अगर ये कानून वापिस नहीं लिए गए तो वे अपनी गाडियां छोड़कर धरने प्रदर्शनों पर बैठ जाएंगे और इसके लिए अलावा डीजल रिफाईनरीज को भी बंद करवाया जाएगा.
Input: सुमित कुमार, अजय मेहता