Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्सेज एक्शन प्लान (IWRAP) 2023- 2025 लांच कर दिया है. मनोहर बोले- हमारा लक्ष्य सिर्फ पानी बचाने का नहीं है बल्कि पानी बचाने के साथ-साथ उसका सदुपयोग कैसे करना है और आने वाले संकट से कैसे बचना है.
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Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्सेज एक्शन प्लान (IWRAP) 2023- 2025 लांच कर दिया है. इस खास मौके पर मनोहर लाल के साथ कृषि मंत्री जेपी दलाल मौजूद रहे. पंचकूला में 26 और 27 अप्रैल को अमृत जल क्रांति के तहत आयोजित जल संरक्षण संगोष्ठी में एक्सपर्ट से मिले सुझावों के आधार पर जल संसाधन एवं जल संचयन की कार्य योजना तैयार की गई थी. इस योजना में भू जल संरक्षण और वर्षा के पानी का संचयन करने के लिए 9 विभाग मिलकर काम करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब सवा महीने पहले पंचकूला में आयोजन किया गया था, जिसके बाद एक रणनीति तैयार की गई और उस रणनीति के आधार पर एक कार्य योजना लांच की जा रही है. हमारा लक्ष्य सिर्फ पानी बचाने का नहीं है बल्कि पानी बचाने के साथ-साथ उसका सदुपयोग कैसे करना है और आने वाले संकट से भी बचना है. भविष्य के जल संकट को देखते हुए आज पूरी दुनिया चिंतित है, जिसके लिए हमें महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है. अगर हरियाणा की बात की जाए तो 90 से 92% पानी के इस्तेमाल खेती और बागवानी में किया जाता. बाकी 8% पानी का इस्तेमाल पीने उद्योगों और अन्य जरूरतों के लिए किया जाता है.
हमारी बेटियों की पुकार पर हमनें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया, आज बेटी नहीं माँ की पुकार हमें सुननी होगी...
इस धरती माँ का शोषण ना हो, इसके लिए भी हमें काम करना होगा।
धरती माँ की पुकार हम बेटे-बेटियों को सुननी होगी। pic.twitter.com/GUHAWNkJ3u
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 9, 2023
हरियाणा में 14 लाख करोड़ लीटर पानी की कमी
मनोहर लाल ने कहा कि पानी को बनाया तो नहीं जा सकता, लेकिन फिर भी इसकी कमी को पूरा करना है. इसके दो तरीके हैं एक तो पानी के स्त्रोतों को बढ़ाया जाए और पानी का उपयोग कम किया जाए. उपयोग के साथ-साथ पानी का प्रबंधन भी किया जाए. पानी के प्रबंधन में कई कमियां हैं, जिन्हें दूर करना जरूरी है. हरियाणा में कहीं पर जमीन में जलभराव हो जाता है, कहीं फसल खराब हो जाती है तो कहीं पर फसलों को पानी ही नहीं मिल पाता, जिससे सूखी जमीन पर फसलें उग नहीं पाती है. हमें खेती में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा ताकि खेती से पानी बचाकर अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सके.
उन्होंने कहा कि आज हम दिल्ली को अपनी तरफ से पानी दे रहे हैं, लेकिन भविष्य में गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे शहरों की जरूरतें भी बढ़ेगी हमें उन जरूरतों को भी पूरा करना है. हमें माइक्रो इरिगेशन (Micro-irrigation) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल बढ़ाना होगा. तालाबों पर काम करना होगा. प्रदेश में कई तालाब ऐसे हैं जिन में ज्यादा पानी होता है और कई तलाब ऐसे हैं जो सूखे पड़े रहते हैं हमें सभी तालाबों में पानी जरूरत के हिसाब से लाना होगा. SYL भी आज बड़ा मुद्दा है हमें SYL का पानी भी चाहिए.
मनोहर ने आगे कहा कि साथ ही हमें यमुना के पानी का भी सदुपयोग करना होगा. यमुना से हमें 3 महीने पानी मिल पाता है, लेकिन कई योजनाएं चलाकर इसकी अवधि को बढ़ाना होगा. अरावली और शिवालिक में भी छोटी नदियों पर छोटे डैम बनाकर पानी की जरूरतों को पूरा करना होगा. तो वहीं, मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि धरती मां को रोने मत दो, धरती मां आज चिल्ला रही मेरी रक्षा करों, धरती मां के बेटी-बेटा होने के नाते धरती मां को हम चिल्लाने नहीं देंगे. यह मेरी सबसे अपील है. सीएम ये कहते हुए भावुक हुए और उनकी आंखे नम हो गई. साथ मनोहर ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर कहा कि ये भी शुरू हुआ था सरकार ने ये अभियान सफल हुआ और प्रकृति ने भी हमारा साथ दिया.
(इनपुटः विजय राणा)