CM मनोहर लाल ने किया किसानों से आह्वान, कम पानी वाले क्षेत्रों में अपनाएं सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली
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CM मनोहर लाल ने किया किसानों से आह्वान, कम पानी वाले क्षेत्रों में अपनाएं सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के मुद्दों को लेकर किसान नेताओं और संबंधित आधिकारियों के साथ बैठक की.

CM मनोहर लाल ने किया किसानों से आह्वान, कम पानी वाले क्षेत्रों में अपनाएं सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली

अनुज तोमर/ चड़ीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों के मुद्दों को लेकर किसान नेताओं और संबंधित आधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में भू-जल, गन्ने के रेहाईवे या एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण जैसे मुद्दों पर चर्चा की.

सीएम मनोहरल लाल ने कहा कि जिन इलाकों में भू-जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, ऐसे क्षेत्रों में किसान सूक्ष्म सिंचाई को अपनाए. इस प्रणाली को अपनाने पर प्रदेश सरकार किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है. इतना ही नहीं, जल संसाधन प्राधिकरण हर गांव के जल स्तर का आंकलन कर रहा है. इसके लिए पिजोमीटर लगाए जा रहे हैं. अब खंड के अनुसार नहीं बल्कि गांव के अनुसार भू-जल स्तर का पता लगेगा.मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना चलाई, जिसके तहत हमने किसानों से धान के स्थान पर कम पानी की खपत वाली फसलों की खेती करने का आह्वान किया था. किसानों ने सरकार का सहयोग करते हुए लगभग 1 लाख एकड़ धान के क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैक्लपिक फसलें उगाई हैं.

गन्ने के मूल्य निर्धारण के लिए कमेटी कर रही सभी पहलूओं का अध्ययन
मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों के हित में योजनाएं बना रही है और हर परिस्थिति में सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. इसी कड़ी में गन्ने के मूल्य को लेकर सरकार ने कृषि मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जो ‌गन्ने की लागत, चीनी का रेट, उसकी रिकवरी सहित अन्य संबंधित विषयों का अध्ययन कर रही है और जल्द ही सरकार को रिपोर्ट देगी. राज्य सरकार चीनी मिलों की क्षमता भी बढ़ा रही है. मिलों में अब एथेनॉल बनाने की दिशा में भी तेजी से कार्य हो रहा है, ताकि मिलों के घाटे में कुछ कमी लाई जा सके.

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सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की पुनः चकबंदी करने की कर रही है व्यवस्था
बैठक में किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हाईवे या एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण के कारण खेतों में जाने के रास्ते की व्यवस्था नहीं होने की समस्या भी रखी. इस पर मुख्यमंत्री ने हुए कहा कि राज्य सरकार सड़कों के दोनों तरफ की जमीनों की पुनः चकबंदी करने का प्रबंध कर रही है, जिससे कि किसी किसान की जमीन अगर सड़क के दोनों तरफ आ गई है तो उसे सड़क के एक तरफ जमीन मिल जाए, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो. चकबंदी करने उपरांत किसानों को 4-5 करम का रास्ता प्रदान करने की व्यवस्था भी की जा सकेगी.

ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से भू-मालिकों की आपसी सहमति से सरकार खरीद रही जमीन
यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की मांग पर मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में सरकारी परियोजनाओं के लिए एक ईंच भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया गया है. हमारी सरकार ने ई-भूमि पोर्टल शुरू किया हुआ है, जिसके माध्यम से परियोजनाओं के लिए भूमि मालिकों की सहमति पर उनके रेट के अनुसार सरकार उनकी जमीन ले रही है. इस प्रकार भू-मालिकों की आपसी सहमति से अब तक लगभग 800-900 एकड़ भूमि सरकार खरीद चुकी हैं.

बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, बिजली निगमों के चेयरमैन पी के दास, पशुपालन एवं डेयरी विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार, भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि सुरेश कौंथ, अमरजीत सिंह मोहड़ी, मनदीप सिंह नाथवान सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे. इनके अलावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए.

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