बजट को लेकर शिक्षक बोले, नौकरी की कमी के कारण छात्र जा रहे विदेश, सरकार करे इंतजाम
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बजट को लेकर शिक्षक बोले, नौकरी की कमी के कारण छात्र जा रहे विदेश, सरकार करे इंतजाम

हरियाणा में बजट को लेकर कॉलेज के प्रोफेसर और विद्यार्थियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नौकरी की कमी होने के चलते ज्यादातर युवा विदेश का रुख कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने सरकार से स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम बढ़ाने की बात कही.

बजट को लेकर शिक्षक बोले, नौकरी की कमी के कारण छात्र जा रहे विदेश, सरकार करे इंतजाम

कैथल/विपिन शर्मा: हरियाणा सरकार के बजट को लेकर कैथल में आज कॉलेज के प्रोफेसर और विद्यार्थियों से बात की गई कि वह बजट में क्या चाहते हैं. इस पर प्रोफेसर और लेक्चरर का कहना है कि पिछले लंबे समय से लेक्चरओं की पोस्ट खाली हैं और विद्यार्थियों की संख्या काफी बढ़ गई है. इसलिए सरकार अच्छी एजुकेशन पर ध्यान दें और अध्यापकों की संख्या को बढ़ाएं. 

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वहीं इस मामले में अध्यापकों का कहना है कि आजकल बच्चे प्लस टू के बाद IELTS और PTE करने के लिए एजेंटों के पास जाते हैं और एजेंट उन्हें गुमराह करके विदेशों में भेज देते हैं, जिसके बाद वहां जाकर बच्चे मजदूरी करते हैं. अगर बच्चे अच्छी एजुकेशन लेकर यहां से जाएं तो विदेशों में भी उनका सम्मान होगा और अच्छी नौकरी मिलेगी. इसके लिए सरकार को बच्चों को प्रेरित करना होगा ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा अपने देश में ही मिले और रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे ताकि बच्चों का मन विदेशों की ओर प्रभावित न हो.

नौकरी न मिलने से विदेश जा रहे युवा
वहीं मामले में विद्यार्थियों से बात की गई तो उनका कहना था कि शिक्षा का खर्च विद्यार्थियों पर कम पढ़ना चाहिए. बजट में ऐसा प्रावधान हो की बच्चों को बेहतरीन उच्च शिक्षा कम खर्च में मिलें. ज्यादातर जो शिक्षा के लिए बजट है, वह कम खर्च हो पाता है. इसका सरकार ध्यान रखें. रोजगार के अवसर पैदा करें ताकि बच्चे भी विदेश की और न भागें. अगर ऐसे ही बच्चे विदेश जाने लगे तो आने वाले समय में जो भारत का टैलेंट है, वह सारा विदेशों में चला जाएगा. 

उन्होंने कहा कि आज भारत में नौकरियों की कमी है. इसलिए सरकार को नौकरियां देनी होंगीं स्किल डिवेलपमेंट प्रोग्राम बढ़ाने होंगे. ताकि अपने ही देश में रोजगार के अवसर पैदा हो दूसरा हरियाणा में सड़कें टूटी-फूटी हैं और बसों की संख्या भी कम है. बच्चों को गांव से शहर आने के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. सड़कों को ठीक करवाया जाए और बसों की संख्या को बढ़ाया जाए. हम ऐसा बजट में चाहते हैं.

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