Sawan Amavasya 2022: सावन महीने की अमावस्या को पूजा-पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन नदी के किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पितरों को शांति मिलती है.
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Sawan Amavasya 2022: हिंदू धर्म में सावन महीने की अमावस्या का विशेष महत्व होता है, इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. आज के दिन पूजा-पाठ और दान करने से विशेष लाभ मिलता है. शास्त्रों के अनुसार आज के दिन पितरों की पूजा करने से उन्हें शांति मिलती है. आज के आर्टिकल में हम आपको अमावस्या की तिथि और पूजा के मुहूर्त के बारे में बताने वाले हैं.
आज का पंचांग
दिन - गुरुवार
अमावस्या तिथि - 27 जुलाई रात 10 बजकर 41 मिनट से 28 जुलाई रात 12 बजकर 54 मिनट तक
नक्षत्र - पुनर्वसु
महत्वपूर्ण योग - वज्र
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शिव-पार्वती के पूजन से मिलता है विशेष लाभ
हरियाली अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती के पूजन का विशेष लाभ मिलता है. सुबह स्नान के बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें और चंदन, बेलपत्र, भांग, और धतूरा चढ़ाएं. मां पार्वती का श्रृंगार करके फिर पूजन करें. ऐसा करने से सभी मनोकानाएं पूरी होती हैं.
सावन अमावस्या
सावन की अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए किए गए दान का विशेष महत्व माना जाता है. आज के दिन किसी नदी के किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें, इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं. ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है. इस दिन पेड़ लगाना भी अच्छा माना जाता है.
हरियाली तीज
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है. सुहागिन महिलाएं इस दिन पति की लंबी आयु और कुवांरी लड़कियां मनचाहे वर को पाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इस साल 31 जुलाई को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. तृतीया तिथि की शुरुआत 31 जुलाई को सुबह 3 बजे होगी, जो 1 अगस्त की सुबह 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगी. इस दौरान 31 तारीख को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से 1 तारीख की सुबह 4 बजकर 20 मिनट तक रवि योग बन रहा है. इस योग में किए गए पूजा-पाठ में विशेष फल की प्राप्ति होती है.