Hanuman Jayanti 2023: श्रीराम के जन्म के 6 दिन बाद क्यों जन्मे हनुमान जी, जानें क्या है वजह?
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1638959

Hanuman Jayanti 2023: श्रीराम के जन्म के 6 दिन बाद क्यों जन्मे हनुमान जी, जानें क्या है वजह?

Hanuman Jayanti 2023: इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी, जो कि श्री राम जयंती के ठीक 6 दिन बाद मनाई जाएगी. जानें क्या वजह ही कि भगवान श्री राम के जन्म के 6 दिन बाद हुआ हनुमान जी का जन्म.

Hanuman Jayanti 2023: श्रीराम के जन्म के 6 दिन बाद क्यों जन्मे हनुमान जी, जानें क्या है वजह?

Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जयंती का पर्व देशभर में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं इस बार हनुमान जयंती 6 अप्रैल की पड़ रही है. मान्यता है कि चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. राम भक्त और हनुमान भक्त दोनों ही इस शुभ दिन को मनाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi-NCR Weather Update: झमाझम बारिश से हुई दिन की शुरुआत, IMD ने जारी किया अलर्ट

हनुमान जी का जन्म भगवान श्री राम के जन्म के ठीक 6 दिन बाद हुआ था. वहीं इस साल 30 मार्च 2023 को रामनवमी का त्योहार मनाया गया था. इसके ठीक 6 दिन बाद अब 6 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. हम सभी जानते हैं कि हनुमान जी भगवान श्री राम के परम भक्त हैं. इसलिए उन्हें राम भक्त हनुमान भी कहा जाता है.

ये भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2023: साल में दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानें क्या है वजह?

श्री राम के जन्म से ठीक 6 दिन बाद भगवान हनुमान के जन्म की घटना को आप भले ही महज संयोग मान सकते हैं. वहीं इसको लेकर तुलसीदास जी हनुमान चालीसा में लिखते हैं कि भीम रूप धरि असुर संहारे. रामचंद्रजी के काज संवारे. इसका मतलब है कि भगवान श्री राम सबके बिगड़े काम बनाते हैं, लेकिन उनके काम हनुमानजी बनाते हैं. यही कारण है कि प्रभु राम की सहायता करने के लिए हनुमान जी का जन्म रुद्र के 11वें अवतार के रूप हुआ.

भगवान श्री राम विष्णुजी के 7वें अवतार हैं. वहीं हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं. मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में पृथ्वी पर असुरों को नष्ट करने के लिए एक सामान्य मनुष्य के रूप में जन्म लिया तो इसको लेकर भगवान शिव चिंतित हो गए. इस कारण प्रभु की सहायता के लिए वे स्वयं भी हनुमान का अवतार लेकर उनकी सहायता के लिए धरती पर आ गए.

Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Trending news