Savings Account: देश में लगभग हर किसी के पास अपना बैंक खाता होता है. अधिकर लोगों की सभी आर्थिक गतिविधियां बैंक खातों के माध्यम से ही चलती है. कई लोग ऐसे होंगे जिनको न्यूनतम बैलेंस के बारे में पता होगा, लेकिन इसमें बहुत लोग ऐसे हैं जिनको नहीं पता होगा. आइए जानते हैं.
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Tips For Bank Account Users: देश में लगभग हर किसी के पास अपना बैंक खाता होता है. अधिकर लोगों की सभी आर्थिक गतिविधियां बैंक खातों के माध्यम से ही चलती है. कई लोग ऐसे होंगे जिनको न्यूनतम बैलेंस के बारे में पता होगा, लेकिन इसमें बहुत लोग ऐसे हैं जिनको नहीं पता होगा. आज जानते हैं इससे जुड़े सारे नियम के बारे में और इससे कैश डिपॉजिट करने की अधिकतम सीमा. साथ ही यह भई जानेंगे कि एटीएम-डेबिट कार्ड के लिए कितना है चार्ज, चेक के लिए चार्ज जैसी तमाम चीजों के बारे में.
कई ऐसे लोग होंगे जिनको शायद ही पता होगा कि बैंक में न्यूनतम राशि कितनी होनी चाहिए. अगर आपके बैंक खाते में इतने पासे नहीं होते हैं तो बैंक पेनाल्टी चार्ज काट लेता है. अलग-अलग बैंक ने अपने हिसाब से न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय कर रखी है. आयकर विभाग के अनुसार एक व्यक्ति वित्तीय वर्ष में सेविंग अकाउंट में अधिकतम 10 लाख रुपये नकद जमा करा सकता है. वहीं अगर आप इससे ज्यादा नकद जमा कराते हैं तो बैंक को इसकी जानतारी आयकर विभाग देनी होती है. जो लोग अपने अकाउंट में 50 हजार या उससे अधिक नकदी जमा करते हैं तो उनको इपना पैन नंबर बैंक को बताना होता है. एक दिन में आप 1लाख तक की नकदी बैंक में जमा करा सकते हैं.
जो लोग अपने खाते में 10 लाख से अधिक नकदी जमा करवाते हैं और उस स्रोत के बारे में आयकर रिटर्न में संतोषजनक जानकारी नहीं देते हैं तो स्क्रूटनी होना तय है. वहीं स्क्रूटनी में पकड़े जाने पर आपके ऊपर जुर्माना भी लग सकता है. वहीं अगर आप आय के स्रोत में जानकारी नहीं देते हैं तो जमा राशि का 60 फीसदी कर, 25 फीसदी सरचार्ज और 4 फीसदी सेस भी लग सकता है.
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आपने अक्सर देखा होगा कि लोग अपनी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए पैसे बचत खाते में जमा करते हैं. ऐसे में इसकी अधिकतम सीमा नहीं तय है. लेकिन अगर आप खाते में अदिक पैसे को रखते हैं तो आपको उनके स्रोत के बारे में जरूर बताना होगा, ऐसे में यह संभव है कि उस पर आयकर विभाग की नजर पड़ जाए. वही अगर पैसे का स्रोत क्लियर है को डरने की जरूरत बिल्कुल नहीं है.