गाजियाबाद से अपहरण के बाद बुलंदशहर में मिला था बच्ची का शव, एक चेक के चक्कर में हुई हत्या
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गाजियाबाद से अपहरण के बाद बुलंदशहर में मिला था बच्ची का शव, एक चेक के चक्कर में हुई हत्या

बीते रविवार को गाजियाबाद से 12 साल की बच्ची किडनैप कर परिवार से 30 लाख की फिरौती की मांग की गई थी, लेकिन अब बच्ची का शव बुलंदशहर के जंगलों से बरामद हुआ है. बच्ची के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर पुलिस वक्त रहते कार्रवाई कर लेती तो उनकी बेटी बच जाती. पुलिस ने बच्ची का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. मगर परिजनों ने बच्ची का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है.

गाजियाबाद से अपहरण के बाद बुलंदशहर में मिला था बच्ची का शव, एक चेक के चक्कर में हुई हत्या

पीयूष गौर/नई दिल्लीः गाजियाबाद के थाना नंद ग्राम क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में रहने वाली 11 साल की मासूम खुशी का बीते 20 नवंबर को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने खुशी के परिजनों से 30 लाख की फिरौती की डिमांड भी की थी, जिसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी. पुलिस के द्वारा परिजनों को बच्चे को जल्द खोजने की बात भी कही गई थी, लेकिन कल जब गाजियाबाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा हुआ तो बच्ची का शव बुलंदशहर इलाके के जंगलों से बरामद किया गया.

आज सुबह बच्ची के शव को पोस्टमार्टम करने के बाद शव को उसके नाना-नानी के घर नंद ग्राम इलाके में लाया गया जहां परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने सही कार्यवाही नहीं की है, जिसको लेकर परिजनों ने शव के अंतिम संस्कार से मना कर दिया. परिजनों का आरोप है कि पुलिस जबरन यहां से बच्ची के शव को लेकर चली गई और उसके शव को उसके माता-पिता को सौंप दिया. परिजनों का आरोप यह भी है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो शायद उनकी मासूम बच्ची की जान बच जाती.

इतना ही नहीं गाजियाबाद पुलिस की लापरवाही तो देखिए की घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी और कल बच्चे के शव मिल जाने के बाद भी गाजियाबाद के किसी पुलिस के आला अधिकारी का कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है. इस बात को दर्शाता है कि गाजियाबाद पुलिस अभी भी कुंभकरण की नींद सो रही है जिसका खामियाजा इस परिवार को भुगतना पड़ा और 11 साल की मासूम की हत्या कर दी गई.

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30 लाख रुपये के लालच में कर दी हत्या

आपको बता दें कि गाजियाबाद के थाना नंद ग्राम इलाके से बीते रविवार यानी की 20 तारीख को अपहरण की गई लड़की की लाश बुलंदशहर कोतवाली देहात क्षेत्र से मिली. गन्ने के खेत से शव मिलने से हड़कंप मच गया, जिसके बाद आनन-फानन में लड़की का पोस्टमार्टम कराया गया.  लड़की की पहचान नंद ग्राम थाना क्षेत्र से गायब 12 साल खुशी के रूप में होती है. गाजियाबाद पुलिस के अनुसार बीती 20 तारीख में लगभग  4:30 बजे के करीब थाना नंद ग्राम पुलिस को सूचना मिलती है कि 12 वर्षीय बच्ची खुशी गायब है और उसके फिरौती की रकम के लिए परिजनों को कॉल कर 30 लाख की रकम की रंगदारी की मांग की गई है.

सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम बनाकर सक्रिय हो जाती है और जांच शुरू कर देती है. इस बीच पुलिस को आरोपी को हिरासत में लेती है और उससे पूछताछ करती है. पूछताछ में कुछ नाम सामने आते है जिसके बाद आरोपियों की लोकेशन बुलंदशहर बताई जाती है. पुलिस की टीम दबिश देने के लिए वहां पहुंचती हैं जब तक अपराधी अपना काम कर चुके होते हैं. गाजियाबाद के पुलिस कप्तान मुनिराज के मुताबिक खुशी के पड़ोस में रहने वाला बबलू नाम का व्यक्ति ही इस साजिश का कर्ताधर्ता था.

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दरअसल, खुशी पहले भी इनके साथ मेले देखने के लिए जा चुकी थी. उसके बाद खुशी खुद से इनके साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर इनके साथ जाती है. जहां अपहरणकर्ताओं को पहले से पता होता है कि इसके नाना के पास 30 लाख रुपये का कोई चेक आना है. उसी रकम को पाने के लिए इस अपहरण की साजिश को अंजाम दिया गया. यह चैक उनके बड़े बेटे की मृत्यु के बाद इंश्योरेंस सेटेलमेंट में मिला था. कप्तान के मुताबिक कार्यकर्ताओं ने पहले ही तय कर लिया था कि वह अपहरण के बाद खुशी को मार देंगे क्योंकि खुशी उन्हें पहचानती है.

उसके बाद रकम के लिए कॉल कर रंगदारी वसूल कर निकल जाएंगे। पुलिस ने अब बबलू समेत दो अन्य अमित और गंभीर नाम के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है बाकी फरार आरोपी पर इनाम घोषित कर गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस कार्रवाई में हुई देरी के सवाल पर कप्तान ने बताया कि पुलिस को सूचना मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई अपराधियों के दूसरा जिला होने और रविवार को छुट्टी होने के कारण कॉल डिटेल आदि निकलवाने में थोड़ा समय लगा. मगर अपराधियों की पहले से ही पूरी योजना थी कि खुशी को मारने के बाद ही फिरौती की रकम वसूली जाएगी. बुलंदशहर में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुशी की हत्या गला दबाकर मारने से निकल कर आई है. परिजनों के आरोपों के मुताबिक, बलात्कार या ऐसा कोई मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने नहीं आया है.

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