Delhi News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के आमंत्रण पर केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक 40 किसानों के साथ दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने संसद भवन का टूर किया. इस दौरान उपराष्ट्रपति ने किसानों को अपने उत्पादन में वैल्यू ऐड करने की सलाह दी.
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Delhi News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 26 दिसंबर को हिसार स्थित ICAR- केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान का दौरा किया था. उस दौरान उपराष्ट्रपति ने वहां उपस्थित किसानों से मुलाकात करके उन्हें दिल्ली आकर नया संसद भवन देखने के लिए आमंत्रित किया था. उपराष्ट्रपति ने अपने देशी अंदाज में किसानों से कहा था कि 'दिल्ली आवो थारो घर सै'. उपराष्ट्रपति के आमंत्रण के बाद आज किसान दिल्ली पहुंचे.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के आमंत्रण पर केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक 40 किसानों के साथ दिल्ली पहुंचे, जहां उन्हें संसद भवन का गाइडेड टूर कराया गया. उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सभी किसानों ने संसद भवन में लंच किया. इसके बाद वे उपराष्ट्रपति निवास पर पहुंचे जहां किसान भाई-बहनों का स्वागत सत्कार सुदेश धनखड़ द्वारा किया गया.
उपराष्ट्रपति निवास में महिला किसानों ने स्वरचित लोकगीत गाया जिसके बोल थे 'जगदीप धनखड़ ने फोन करया था जल्दी आइयो संसद में...आई मैं क्यूंकर आऊं, मेरा ससुरा रोज लड़े सै' उपराष्ट्रपति भी लोकगीत की धुन पर स्वयं को थिरकने से न रोक सके.
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किसानों से चर्चा के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा व्यापार कृषि उत्पादन का है. गेहूं, बाजरा, चावल, दाल, सब्जी, दूध सब कृषि का है और किसान इनको पैदा करता है और पसीना बहाकर मेहनत करता है. उन्होंने कहा कि केवल खेती नहीं, बल्कि कृषि उत्पादों के व्यापार में भी किसानों को दिलचस्पी लेनी चाहिए. मंडी के अंदर दुकान भी होनी चाहिए और किसान के बच्चों को व्यापार शुरू करना चाहिए.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि 'छोरा पढ़ लिखकर यह व्यापार क्यों करें? उसे तो नौकरी करनी चाहिए. व्यापार में बहुत दम है. हमें यह संकल्प ले लेना चाहिए कि अपने बच्चे पढ़ लिख के और भी काम करें पर कृषि के उत्पादन से व्यापार जरूर करें.' इस दौरान उन्होंने किसानों को अपने उत्पादन में वैल्यू ऐड करने की बात कही, जैसे- दूध का पनीर और सरसों का तेल निकालकर बेचना चाहिए.
महिला किसानों से बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि 'छोरा-छोरी में कोई फर्क नहीं बचा है, जो थोड़ा एक फर्क है यह है कि छोरी थोड़ी ज्यादा आगे पहुंच गई हैं.'
हरियाणा के अखाड़ों का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारे अखाड़े गुरुकुल जैसे हैं. जब हरियाणा के अखाड़े के लोग मुझसे मिले तो मैं तो उनसे मिलकर दंग रह गया. मैंने कहा बच्चों को दूध कहां से मिलता है तो वह कहते हैं कि गांव के लोग देते हैं. खाने पीने की व्यवस्था कैसे होती है? तो बोले की सामूहिक रूप से होती है. बच्चे खूब एक्सरसाइज करते हैं. अखाड़े में जाने से बच्चों को बुरी आदत नहीं आती है। अखाड़े का मतलब अपना जो चरित्र है यह सोने का रहता है. अखाड़े में जाने वाला छोरा कभी ड्रग नहीं लेता. उसका ध्यान पॉजिटिव रहता है.
हरियाणा से आये सभी किसान भाईयों को राम-राम कहते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आत्मा गांव में है और गांव बदल गया तो देश बदल गया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के बारे में बात करते हुए कहा कि यह पहली बार हुआ है कि जनजाति की महिला भारत की राष्ट्रपति हैं. संसद की नई बिल्डिंग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ढाई साल में बनकर तैयार हुई है.