Farmers: शंभू बॉर्डर पर नौ महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं. इस दौरान उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप वे घायल हो गए.
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Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर पिछले करीब 9 महीने से धरना दे रहे किसानों ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए कूच करने का प्रयास किया. किसानों का यह जत्था संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) से जुड़ा हुआ है और इसका मुख्य उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, कर्ज माफी और अन्य 12 मांगों को लेकर केंद्र सरकार से बातचीत करना है.
पहले जत्थे की शुरुआत
किसानों का पहला जत्था, जिसमें 101 किसान शामिल थे, अंबाला की तरफ बढ़ने लगा. इस दौरान उन्होंने दो बैरिकेड तोड़कर और कंटीले तार उखाड़कर लगभग 200 मीटर आगे बढ़ने की कोशिश की. लेकिन हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों ने उन्हें रोक दिया. शंभू बॉर्डर पर अब माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े, जिसके बाद भगदड़ मच गई, जिसमें दो किसान घायल हो गए. उन्हें उनके साथी उठाकर पीछे ले गए.
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धारा 163 के तहत रोक
हरियाणा पुलिस ने धारा 163 लागू कर किसानों को रोकने की पूरी तैयारी कर रखी है. हाईवे को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और भारी संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवान तैनात हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 101 किसानों का जत्था, जिसे 'मरजीवड़ा' नाम दिया गया है, दिल्ली जाना चाहता है. उन्होंने बताया कि इस जत्थे में शामिल सभी किसान अपनी जान तक देने को तैयार हैं.
किसानों की एकता
किसान अपने साथ किसान यूनियन के झंडों के साथ तिरंगा भी लेकर चल रहे हैं. इस आंदोलन में शामिल किसान एकजुट होकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो देशभर के किसानों और मजदूरों के हित में है.