Charkhi Dadri News: किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की महिलाओं को सता रही इस बात की चिंता
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Charkhi Dadri News: किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की महिलाओं को सता रही इस बात की चिंता

Charkhi Dadri News: किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की महिलाओं को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है. पतियों के बॉर्डर पर होने की वजह से महिलाएं घर पर अकेली हैं, उनका कहना है कि ऐसे में कोई भी उन पर आकर हमला कर सकता है. 

Charkhi Dadri News: किसान आंदोलन के बीच हरियाणा की महिलाओं को सता रही इस बात की चिंता

Charkhi Dadri News: दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा-पंजाब के बार्डर पर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा भी किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. किसानों के साथ हो रहे बर्ताव को देखते हुए अब हरियाणा के लोगों का भी गुस्सा फूटने लगा है. चरखी दादरी की महिलाओं ने तो स्पष्ट कहा सरकार किसानों को बातचीत के लिए तो बुला रही है, लेकिन अब तक बातचीत से कोई हल नहीं निकला. म्हारे खसम ( मेरे पति) बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान उन्होंने पति और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई. 

दरअसल, किसान संगठनों द्वारा दादरी के भाजपा जिला कार्यालय पर धरना देते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन में पहुंची महिलाओं ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए किसान आंदोलन में केंद्र सरकार को दोषी ठहराया. उनका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने की वजह से किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है. 

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वहीं धरना प्रदर्शन में शामिल होने पहुंची कांता देवी ने कहा कि हमारे पति बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान पुलिस के द्वारा लगातार उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी जा रही हैं, जिसकी वजह से उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता सताने लगी है. पति के साथ ही कांता देवी ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पतियों के बॉर्डर पर होने की वजह से महिलाएं घर पर अकेली हैं, कोई भी हम पर आकर हमला कर सकता है. पति की गैरमौजूदगी में हमारी सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार होगा. 

खाप पंचायतों का साथ
पंजाब के किसानों को अब खाप पंचायतों का भी साथ मिल रहा है. हरियाणा की खाप पंचायतों का कहना है कि अगर किसान नहीं रहेंगे तो ये नेता खाएंगे क्या. हमें एमएसपी गारंटी चाहिए, हम भूखे नहीं मरेंगे तो लड़कर ही मर लेंगे. इस दौरान किसानों ने खापों के साथ बॉर्डर पर जानें की रणनीति तैयार करने का फैसला लिया है. 

Input- Pushpender Kumar

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