कारगिल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों का इलाज करने वाली महिला की कहानी
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कारगिल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों का इलाज करने वाली महिला की कहानी

कारगिल युद्ध के दौरान मेजर डॉ. प्राची गर्ग सेवा देने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं, जिन्होंने सैकड़ों घायल सैनिकों का इलाज किया.

 

 

कारगिल युद्ध के दौरान घायल सैनिकों का इलाज करने वाली महिला की कहानी

गाजियाबाद/पियूष गौर: आज कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ है. समूचा देश कारगिल युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान देकर देश को विजय दिलाने वाले वीर शहीदों को याद कर रहा है. इस बीच हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने युद्ध के दौरान घायल होने वाले सैकड़ों  सैनिकों का इलाज करके उनकी जान बचाई. कारगिल युद्ध के दौरान सेवा देने वाली एक मात्र महिला मेडिकल अफसर डॉ. प्राची गर्ग. 

गाजियाबाद के अशोक नगर में रहने वाली मेजर डॉ. प्राची गर्ग ने जब सेना की नौकरी शुरू की थी, तब उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो किसी युद्ध का हिस्सा भी बनेगीं. प्राची गर्ग का जून 1997 में सेना में  सेलेक्शन हुआ था और दिसंबर 1997 फील्ड एरिया में पोस्टिंग हो गई. कारगिल युद्ध के दौरान सेवा देने वाली प्राची गर्ग एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं. 

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सैकड़ों सैनिकों का किया इलाज
डॉ. प्राची गर्ग के अनुसार कारगिल के युद्ध के दौरान उन्होंने सैकड़ों घायल सैनिकों का इलाज किया. इस दौरान कुछ सैनिकों को मामूली चोटें ही आई थीं, तो वहीं कुछ गंभीर रूप से घायल थे. उस दौरान कई सैनिकों को अपनी आंखों के सामने तड़पते हुए भी देखा, तो कुछ के शव उनके शरीर से अलग थे. वो दौर याद करके आज भी आंखें भर आती हैं. 

डॉ. प्राची गर्ग वर्ष 2003 में सेना से रिटायर हो गई हैं लेकिन अब भी लोगों के लिए काम कर रही हैं. देश सेवा का जज्बा लिए डॉ. प्राची गर्ग कहती हैं कि अगर उन्हें अभी भी सेना की वर्दी पहनने का मौका मिल जाए तो उनके लिए गर्व की बात होगी. 

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