दिल्ली-NCR में कुत्तों के काटने की खबरे लगातार बढ़ रही हैं. इसी बीच कुत्तों का डर लोगों में भी बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों ने अपने पालतू कुत्तों को छोड़ना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं कुत्तों के काटने की घटना सामने आने के बाद विदेशी कुत्तों की भी कीमतों में गिरावट आने लगी है.
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Dog Bite Case: इन दिनों दिल्ली-NCR से लेकर देश के अलग-अलर हिस्सों में कुत्तों के काटने का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा है. सबसे पहले लखनऊ (Lucknow) में पिटबुल ने अपनी मालकिन को जान से मारने की खबर सामने आई थी. इसके बाद से यह मामला लगातार जारी है. हाल ही में गाजियाबाद में लिफ्ट में एक पालतू कुत्ते ने एक छोटे से बच्चे पर हमला कर दिया था.
विदेशी कुत्तों की कीमतों आई भारी गिरावट
लगातार कुत्ते के काटने का लगातार बढ़ने के बाद अधिकतर मालिकों में डर पैदा हो गया है. इतना ही नहीं लोगों का अब विदेशी कुत्तों प्रति क्रेज भी कम होने लगा है, जिसके चलते विदेशी कुत्तों की कीमतों में भारी कमी आ है. खबरों की मानें तो, बीते दिनों जो विदेशी कुत्ते पहले 30-40 हजार के बिका करते थे, वो अब घटकर 5000 से 10 हजार रुपए हो गई है.
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जानें, कितनी कम हुईं कीमतें?
एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना काल (corona period) में लगे लॉकडाउन के वक्त विदेशी कुत्तों की सबसे ज्यादा डिमांड बढ़ी थी, लेकिन डॉग बाइट की लगातार घटना सामने आने के बाद इन कुत्तों की मांग भी कम हो गई है. जो पिटबुल कुत्ता 20000 से 50000 में बिकता था. अब उसकी कीमत 5000 रुपए हो गई है.
इस बात की जानकारी देते हुए दिल्ली के ब्रीडर ने बताया कि जर्मन शेफर्ड (german shepherd) की मांग पहले सबसे ज्यादा थी. इसकी कीमत करीब 15000 रुपए थी. लेकिन अब इसकी कीमत 5000 रुपए से कम हो गई. उन्होंने बताया कि इसी तरह से लैबराडोर जैसे भारी भरकम कुत्ते की कीमत भी ₹5000 के नीचे गिर चुकी है जोकि पहले 20000 रुपए से ज्यादा महंगा बिकता था.
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मालिक छोड़ रहे हैं इन ब्रीड के कुत्तों
लगातार डॉग बाइट घटना सामने आने के बाद मालिक अपने पालतू कुत्तों को लावरिस छोड़ रहे हैं. नोएडा के NGO हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल्स (House of Stray Animals) के सामने पिछले 2 महीने में कम से कम 5 से 6 मालिक अपने पिटबुल (Pitt Bull) को छोड़ गए हैं. NGO के फाउंडर ने बताया कि पिटबुल के अलावा labrador और husky dog जैसे महंगे विदेशी कुत्ते भी लोगों ने लावारिस छोड़ दिए.
उन्होंने आगे बताया कि हर दिन उनके पास 50 से ज्यादा फोन कॉल आ रहे हैं, जिसमें लोग अपने पालतू कुत्तों को लेकर के सवाल पूछ रहे हैं या फिर वह उन्हें NGO को सौंप देना चाहते हैं. पिछले दिनों में बड़े विदेशी कुत्तों को त्यागने की घटनाएं ज्यादा बढ़ी हैं. लोग पिटबुल, जर्मन शेफर्ड, लैबराडोर, सेंट बर्नार्ड , कॉक स्पाइनल और इंडियन परिहा जैसी ब्रीड के कुत्तों को भी छोड़ना चाहते हैं.
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अचानक से ये घटनाएं क्यों आई सामनेहैं?
NGO के फाउंडर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुत्तों द्वारा इंसानों का काटने की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन इसके लिए कुत्तों को दोष देना सही नहीं है. क्योंकि इसके पीछे इंसान का बर्ताव भी इसके लिए जिम्मादार माना गया है. उन्होंने बताया कि जैसे हम अपने बच्चों का ध्यान रखते हैं उसी तरह हमें घर में पालने वाले कुत्तों का भी ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि कुत्ते लोगों में जल्दी घुल मिल जाते हैं.
उन्होंने कहा कि कुत्तों लोगों के सबसे ज्यादा करीब होते हैं. बेजुबान जानवर अपनी बात कह नहीं पाते ऐसे में जब उन्हें शारीरिक पीड़ा या किसी तरह की तकलीफ होती है तो वह हिंसक बर्ताव करने लगते हैं. इसी वजह से कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाएं बढ़ी हैं. इसलिए कुत्तों का खास ख्याल रखना होता है.