Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान एक गलती पड़ सकती है भारी, अतृप्त रह जाएंगे पूर्वज
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Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान एक गलती पड़ सकती है भारी, अतृप्त रह जाएंगे पूर्वज

Pitru Paksha 2023: आज से 14 अक्टूबर तक पितरों को याद करते हुए श्राद्ध कर्म किए जाएंगे, इस दौरान कुछ मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व माना जाता है. 

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दौरान एक गलती पड़ सकती है भारी, अतृप्त रह जाएंगे पूर्वज

Pitru Paksha 2023: आज भाद्रपद महीने की पूर्णिमा तिथि है, आज प्रौष्ठपदी श्राद्ध किया जाएगा. आज से 14 अक्टूबर तक पितरों को याद करते हुए श्राद्ध कर्म किए जाएंगे. ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध कर्म करने से पितरों को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. श्राद्ध के लिए 16 तिथियां बताई गई हैं, जानते हैं किस तिथि के दिन किस पितर का श्राद्ध करना चाहिए और श्राद्ध के दौरान कौन से मंत्र का जाप कर सकते हैं. 

श्राद्ध की तिथियां (Pitru Paksha 2023 Dates)

शुक्रवार, 29 सितंबर 2023- पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध
शनिवार, 30 सितंबर 2023- द्वितीया श्राद्ध
रविवार, 01 अक्टूबर 2023- तृतीया श्राद्ध
सोमवार, 02 अक्टूबर 2023- चतुर्थी श्राद्ध
मंगलवार, 03 अक्टूबर 2023- पंचमी श्राद्ध
बुधवार, 04 अक्टूबर 2023- षष्ठी श्राद्ध
गुरुवार, 05 अक्टूबर 2023- सप्तमी श्राद्ध
शुक्रवार, 06 अक्टूबर 2023- अष्टमी श्राद्ध
शनिवार, 07 अक्टूबर 2023- नवमी श्राद्ध
रविवार, 08 अक्टूबर 2023- दशमी श्राद्ध
सोमवार, 09 अक्टूबर 2023- एकादशी श्राद्ध
मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023- मघा श्राद्ध
बुधवार, 11 अक्टूबर 2023- द्वादशी श्राद्ध
गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023- त्रयोदशी श्राद्ध
शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2023- चतुर्दशी श्राद्ध
शनिवार, 14 अक्टूबर 2023- सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध

पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप (Pitra Paksha Mantra)
पितृ पक्ष के दौरान पितरों को पिंडदान करते समय कुछ विशेश मंत्रों का जाप किया जाता है, जिससे उनकी शांति मिलती है. पितरों का पिंडदान करते समय एक पात्र में गंगाजल लेकर उसमें तिल, जौ और दूझ मिलाएं और फिर 'ॐ पितृ देवतायै नम:, ओम आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम' मंत्र का जाप करते हुए अंजलि में जल लेकर 3-5 बार पितरों को अर्पिक करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.

पिता के तर्पण के लिए करें इस मंत्र का जाप
पिता का तर्पण करने के लिए अपने गोत्र का नाम लेकर 'गोत्रे अस्मतपिता (पिता जी का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः' मंत्र का जाप करें. 

मां के तर्पण के लिए करें इस मंत्र का जाप  
मां का तर्पण करने के लिए अपने गोत्र का नाम लेकर 'गोत्रे अस्मन्माता (माता का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः' मंत्र का जाप करें. 

पितरों की शांति के लिए पितृ गायत्री मंत्र (Pitra Gayari Mantra)
 'ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।'
'ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।'
'ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्। '

 

 

 

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