Nirjala Ekadashi 2023: सभी एकादशीयों में खास है ये निर्जला एकादशी, जानें डेट, पूजा विधि और मुहूर्त
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Nirjala Ekadashi 2023: सभी एकादशीयों में खास है ये निर्जला एकादशी, जानें डेट, पूजा विधि और मुहूर्त

Ekadashi 2023: ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है. ये एकादशी सभी एकादशियों में सबसे श्रेष्ठ और फलदायी मानी जाती है. 

Nirjala Ekadashi 2023: सभी एकादशीयों में खास है ये निर्जला एकादशी, जानें डेट, पूजा विधि और मुहूर्त

Nirjala Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी को खास माना जाता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान होता है. हर साल कुल 24 और अधिकमास में 26 एकादशी आती है. सबका महत्व अलग-अलग होता है. इनमें से ही एक निर्जला एकादशी होती है. 

निर्जला एकादशी को भीम एकादशी या भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता हैं. ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को व्रत रखने से साल की सभी 24 एकादशी के व्रत के फल प्राप्त होता है. जो लोग सभी एकादशी का व्रत नहीं रख पाते या नहीं रखते तो वह इस निर्जला एकादशी का व्रत रख सकते है, श्रीहरि का आशीर्वाद मिलेगा और साथ ही उनकी कृपा सदा आप पर बनी रहेगी. चलिए जानते हैं कि इस साल कब रखा जाएगा ये निर्जला एकादशी का व्रत. 

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निर्जला एकादशी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2023 Date and Shubh Muhurat)
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की का एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. जो कि 31 मई को है. ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की का एकादशी तिथि 30 मई को दोपहर 1 बजकर 7 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन यानी 31 मई को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. निर्जला एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी 1 जून सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. 

 निर्जला एकादशी 2023 पूजा विधि (Nirjala Ekadashi 2023 Puja Vidhi) 
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर सन्ना कर  लें.
- नहाने के बाद मंदिर में घी का दिया जलाकर व्रत रखने का संकल्प लें. 
- इसके बाद भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें. 
- फिर भगवान विष्णु को चंदन और हल्दी का तिलक का लगाकर फूल, वस्त्र, तुलसी, प्रसाद अर्पित करें. 
- इसके बाद भगवान विष्णु की कथा सुनें और फिर आरती करें. 
- साथ ही इस दिन अन्न और जल का त्याग करने का संकल्प लें और साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करें.

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