Last Surya and Chandra Grahan 2023 Date: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण अक्टूबर में लगेगा. आइए जानते हैं कि सूतक काल कब से शुरू होगा और इसमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
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Last Surya Grahan and Chandra Grahan 2023: साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लग चुका है. बता दें कि पहला चंद्र ग्रहण इसी महीने 4 मई को था जबकि सूर्य ग्रहण पिछले महीने 20 अप्रैल को लगा था. ये दोनों ही भारत में नहीं देखे गए थे. जिसके चलते सूतक काल भी नहीं लगा. अब साल का दूसरा और आखिरी माना जाने वाला सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने वाला है. तो चलिए जानते हैं कि आखिरी चंद्र और सूर्य ग्रहण कब लगेगा. इसमें सूतक काल का समय क्या रहेगा और साथ ही क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है.
आखिरी सूर्य ग्रहण की डेट (Last Surya Grahan 2023 Date)
इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण अक्टूबर महीने की 14 तारीख को लगेगा. भारत के समयानुसार रात 8:34 से लेकर 15 अक्टूबर तड़के 2:25 तक लगेगा, जो कि करीब 6 घंटे तक रहेगा. इसका मतलब यह हुआ कि ये सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा और सूतक काल भी यहां मान्य नहीं रहेगा. यह सूर्य ग्रहण विदेश में नजर आएगा. ये ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका, अटलांटिका और आर्कटिका में दिखाई देगा.
आखिरी चंद्र ग्रहण की डेट (Last Chandra Grahan 2023 Date)
वहीं साल 2023 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर की रात 1:06 से लेकर 2:22 तक लगेगा, जो कि करीब सवा घंटे तक रहेगा. बता दें कि ये चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा, इसलिए सूतक काल भी यहां मान्य रहेगा.
सूतक काल समय (Sutak Kaal Time)
आपको बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 2:52 से शुरू हो जाएगा. चंद्र ग्रहण खत्म होने के साथ ही सूतक काल भी खत्म हो जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि सूतक काल 11:30 घंटे तक लगने वाला है. इसे बहुत ही अशुभ माना जाता है, इस दौरान किसी भी तरह का शुभ काम नहीं करना चाहिए और साथ ही कुछ खास सावधानियां बरतनी चाहिए.
सूतक काल में बरतें ये सावधानी ( Precautions during Sutak Kaal)
- सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य न करें.
- गर्भवति महिलाएं घर से बाहर न निकलें और साथ न ही कुछ खाएं और न ही सोएं.
- सूतक काल में खाना न ही बनाएं और न ही खाएं.
- घर में बने खाने में तुलसी के पत्ते डालकर रखें और साथ ही घर के मंदिर में तुलसी रखें.
- सूतक काल में पूजा भी न करें.