Karwa Chauth 2023: व्रत रखते वक्त इन 4 नियमों का जरूर करें पालन, खुशियों से भर जाएगा शादीशुदा जीवन
Advertisement

Karwa Chauth 2023: व्रत रखते वक्त इन 4 नियमों का जरूर करें पालन, खुशियों से भर जाएगा शादीशुदा जीवन

Karwa Chauth 2023: वास्तु शास्त्र में करवा चौथ से जुड़े कुछ नियमों और उपायों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से महिलाएं अपनी वैवाहिक जीवन में खुशहाली ला सकती हैं, तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ के वास्तु टिप्स कौन से हैं...

Karwa Chauth 2023: व्रत रखते वक्त इन 4 नियमों का जरूर करें पालन, खुशियों से भर जाएगा शादीशुदा जीवन

Karwa Chauth 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को देशभर में यह त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल ये त्योहार 1 नवंबर यानी बुधवार के दिन मनाया जाएगा. पूरे दिन निर्जला व्रत के बाद शाम के वक्त चांद को देखने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.

लेकिन, क्या आप लोग जानते हैं कि करवा चौथ के कुछ वास्तु नियमों (Vastu Tips) का पालन करने से घर परिवार में शांति के साथ-साथ वैवाहिक जीवन (Married Life) में भी शांति और खुशहाली आती है. वास्तु शास्त्र में करवा चौथ से जुड़े कुछ नियमों और उपायों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से महिलाएं अपनी वैवाहिक जीवन में खुशहाली ला सकती हैं, तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ के वास्तु टिप्स कौन से हैं...

ये भी पढ़ें- Karva Chauth 2023: 100 साल बाद बनने जा रहा है ये 'महासंयोग', इन राशियों का खुलेगा भाग्य

करवा चौथ के वास्तु टिप्स

1. करवा चौथ वाले दिन महिलाओं को पूजा की थाली एक दिन पहले ही तैयार कर लेनी चाहिए. ध्यान रहे कि  करवा मिट्टी का होना चाहिए और उसपर लाल रंग का कलावा बांधा होना चाहिए.

2. करवा चौथ की थाली में घी का दीपक, लाल फूल, कुमकुम, हल्दी, चंदन, मिष्ठान, शहद, अक्षत, मेवे और पानी से भरा एक कलश जरूर होना चाहिए.

3. अगर आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं तो सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाते वक्त दिशा का जरूर ध्यान रखे. सरगी ग्रहण करते वक्त मुंह दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए.

4. करवा चौथ के दिन चांद निकलने पर अर्घ्य देते समय महिलाओं का मुंह उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए. क्योंकि, ये दिशा चंद्रदेव की दिशा कहलाती है. इस दिशा में अर्घ्य देने से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं.

Trending news