Chhath Puja Celebration: मटियाला इलाके के नन्हे पार्क में कॉलोनी की गलियों में ऐसा छठ घाट बनाया जा रहा है जो कि लकड़ी और प्लास्टिक की चादर से बना है. घाट को फूल पत्ती लाईट और अन्य सामानों से इसे सजाया जा रहा है, जिसमें पानी भरकर इसे छठ व्रती के लिए सूर्य को अर्घ्य देने लायक बिल्कुल तालाब तैयार किया जाएगा.
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Delhi Chhath Puja Celebration: राजधानी में छठ पूजा की धूम है और आज 4 दिन की होने वाली छठ पूजा का तीसरा दिन है. ऐसे में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. जहां एक तरफ स्थाई और अस्थाई घाट पर पूजा की तैयारी हो रही है. बता दें कि आज घाट पर जाकर सभी छठ मनाने वाले लोग घाट पर जाकर संध्या में डूबते सूरज को अर्घ्य देंगे. वहीं मटियाला इलाके के नन्हे पार्क में कॉलोनी की गलियों में ऐसा छठ घाट बनाया जाता है जो कि सभी घटों में से बिल्कुल अलग है.
लकड़ी और प्लास्टिक की चादर से इस घाट को किया तैयार
वहीं मटियाला इलाके के नन्हे पार्क में कॉलोनी की गलियों में हर साल ऐसा छठ घाट बनाया जाता है जो लकड़ी और प्लास्टिक की चादर से इस घाट को तैयार किया जाता है. उस घाट को फूल पत्ती लाईट और अन्य सामानों से इसे सजाया जाता है, जिसमें पानी भरकर इसे छठ व्रती के लिए सूर्य को अर्घ्य देने लायक बिल्कुल तालाब जैसा बनाया जाता है. इस साल भी इसका आयोजन किया गया है,
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घाट को तैयार करने में लगा लगभग 10 से 12 घंटे का वक्त
जो छठ पूजा को करने वाले लोग इस घाट को पिछले कुछ सालों से तैयार कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक तो दिल्ली में इस समय प्रदूषण काफी बढ़ जाता है, ऐसे में इस तरह के घाट से प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता और ऊपर से जगह की कमी भी पूरी हो जाती है. लोगों ने बताया कि इस घाट को तैयार करने में लगभग 10 से 12 घंटे का वक्त लगता है और पूजा होने के बाद इसे हटाने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती. इसलिए यह आसान पुलाव और प्रदूषण मुक्त है जो कहीं न कहीं दिल्ली में घटते जगहों की कमी को भी पूरा करता है.
Input: Rajesh Kumar Sharma