Ahoi Ashtami 2023: भिवानी में संस्कृति व परंपरा के साथ मनाया गया अहोई अष्टमी का पर्व, संतान की सुख-समृद्धि की कामना
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1946084

Ahoi Ashtami 2023: भिवानी में संस्कृति व परंपरा के साथ मनाया गया अहोई अष्टमी का पर्व, संतान की सुख-समृद्धि की कामना

Ahoi Ashtami 2023: भिवानी में आज अहोई अष्टमी व्रत पर माताओं ने भारतीय संस्कृति व परंपराओं से जुड़े अहोई पर्व को लेकर पूजा-पाठ कर स्याहु माता की कहानी सुनी. इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए दिन में अहोई माता की कथा कर रात को तारों को देखकर व्रत खोला जाता है. 

Ahoi Ashtami 2023: भिवानी में संस्कृति व परंपरा के साथ मनाया गया अहोई अष्टमी का पर्व, संतान की सुख-समृद्धि की कामना

Ahoi Ashtami 2023: भिवानी में आज अहोई अष्टमी व्रत पर माताओं ने भारतीय संस्कृति व परंपराओं से जुड़े अहोई पर्व को लेकर पूजा-पाठ कर स्याहु माता की कहानी सुनी. महिलाओं ने अहोई अष्टमी व परंपराओं से जुड़े कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए. गौरतलब है कि संतान सुख और उनकी लंबी आयु की कामना के लिए कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत की खास बात यह है कि जिस दिन अहोई अष्टमी होती है, अगले सप्ताह उसी दिन की दिवाली मनाई जाती है.

निर्जला व्रता

इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. पूरे दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए दिन में अहोई माता की कथा कर रात को तारों को देखकर व्रत खोला जाता है. इस मौके पर व्रत कर रही महिलाओं रामरती, सावित्री, सुभाष देवी व सोनिया अत्री ने बताया कि त्यौहार हमें अपनी संस्कृति, संस्कार और परंपराओं से जोड़ते हैं और आने वाली पीढ़ी को सीख देने का काम करते हैं. इसलिए इस प्रकार के परंपराओं से युक्त कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि अहोई अष्टमी का पर्व संतान की सुख, समृद्धि और उनकी दीर्घायु के लिए मातृशक्ति निर्जल रहकर करती हैं. महिलाओं ने सामूहिक रुप में अहोई अष्टमी की पूजा-अर्चना कर कहानी सुनी है. इससे हमारे देश की एकता और अखंडता का संदेश भी जाता है. क्योंकि तीज त्योहार, दिवाली, होली जैसे पर्व हमें भाईचारा सदव्यवहार और एकता का संदेश देते हैं. आज माताओं ने बच्चा छोटा हो या बड़ा हो, देश में हो या विदेश में हो उन सभी के लिए सुख और समृद्धि की कामना की है, ताकि उनकी संतान जहां भी है वह खुश रहे और उनकी आयु दीर्घायु रहें. सभी महिलाओं ने एक साथ ही कलश का पूजन किया और सूर्य को अघ्र्य दिया.

Trending news