Delhi Flood Super Heroes: बोट क्लब के गोताखोर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए उनके सुपर हीरो बनकर सामने आए. इन गोताखोरों ने यमुना नदी के उफनते बवंडर के बीच सैकड़ों जिंदगियों का रेस्क्यू कर उन्हें बाहर निकाला.
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Delhi Flood Super Heroes: दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से कई इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए, इस दौरान बोट क्लब के गोताखोर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए उनके सुपर हीरो बनकर सामने आए. इन गोताखोरों ने यमुना नदी के उफनते बवंडर के बीच सैकड़ों जिंदगियों का रेस्क्यू कर बाहर निकाला. बोट क्लब के जाबाज गोताखोरों ने बिना सोए रात-दिन जाग कर चप्पे-चप्पे पर बाढ़ पीड़ितों पर अपनी नजर बनाए रखी.
फिलहाल यमुना का जलस्तर कम हो चुका है और यमुना खतरे के निशान के आस-पास बह रही है. पिछले कुछ दिनों से अपना रौद्र रूप दिखा रही यमुना अब धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस लौट रही है. कुछ दिनों पहले उफनती नदी के बीच फंसे लोगो में किसी ने अपनी जान बचाने के लिए पेड़ का सहारा लिया तो कोई घर की छत पर बैठकर इस सैलाब से बचने की कोशिश करता नजर आया. बाढ़ के सितम में इंसानों के साथ कई जानवर भी पानी के बीच फंस गए, जिन्हें बचाने के लिए DM ईस्ट की बोट क्लब की टीम ने बहादुरी दिखाई. आपातकालीन स्थिति में बाढ़ पीड़ितों के लिए गोताखोर मसीहा बनकर आए, इन्होंने न सिर्फ इंसान बल्कि बाढ़ में फंसे जानवरों की भी जान बचाई.
DM ईस्ट की बोट क्लब के इंचार्ज हरीश कुमार बताते हैं कि वह और उनकी टीम पिछले 1 हफ्ते से अपने घर नहीं गए. रात-दिन बिना सोए यमुना की बाढ़ में फंसे लोगो को बाहर निकालने की कड़ी मशक्कत करते रहे. उन्होंने बताया कि अपनी टीम के जाबाज गोताखोरों के साथ मिलकर अबतक उन्होंने 2500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित यमुना नदी की तेज मजधार से बाहर निकाला है. जिनमें बच्चे, बुजुर्ग ,जवान सभी शामिल हैं. वहीं एक हजार से ज्यादा गोवंश और आवारा कुत्तों का भी रेस्क्यू कर उन्हें बाहर निकाला. इस बीच कई बार वोट क्लब की टीम के गोताखोरों को कुत्तों ने भी काटा और एक गोताखोर को तो जहरीले सांप ने भी डस लिया, लेकिन फिर भी अपने आप को संभालते हुए अपनी जान की परवाह किए बिना ही निस्वार्थ लोगों की जान बचाई.
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आपको बता दें कि कश्मीरी गेट के पास स्थित DM ईस्ट की तरफ से बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए बोट क्लब बनाया गया है, जिसमे 20 जाबाज गोताखोर समेत 14 बोट हैं. वही बाढ़ जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फ्लड विभाग की तरफ भी दर्जनो बोट लगाई गईं. यमुना में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए वोट क्लब की टीम काम कर रही थी तो रिहायसी इलाको में बाढ़ के चलते अपने ही घरों में कैद हुए बाढ़ पीड़ितो का रेस्क्यू करने के लिए DDMA , NDRF व दिल्ली पुलिस के टीम ने भी बहतरीन काम किया. जिसकी वजह से बाढ़ में कम समय में सभी सुरक्षा एजेंसियों को सैकड़ो जिंदगियां बचाने में कामयाबी मिली.
आपको बता दें यमुना के बढ़ते जलस्तर ने साल 1978 का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जिसकी वजह से दिल्ली के कई इलाकों बाढ़ की चपेट में आ गए. यमुना का जल स्तर बढ़ने पर टीम बोट क्लब द्वारा यमुना खादर में रहने वाले लोगो को समय रहते सुरक्षित करने के लिए मुनादी करवाई गई, लेकिन फिर में यमुना खादर में फंसे लोग अपने आप को सुरक्षित नही कर पाए. जिसकी वजह से बाढ़ आने के बाद इन लोगों को बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी.
फिलहाल यमुना का जलस्तर कम हो गया है, रिहायसी इलाकों से पानी निकल चुका है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी नहीं टला. दरअसल, पहाड़ी इलाकों में लगातार बरसात हो रही है और कभी भी हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़ा जा सकता है. दिल्ली के हालात सामान्य होने के बाद भी DM ईस्ट क्लब की टीम के जांबाज गोताखोर यमुना किनारे मुस्तैद हैं और यमुना की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं.
इनपुट- नसीम अहमद