Delhi Water News: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-22 में लोग गंदे पानी से परेशान हैं. वहीं उन्हें पेट और त्वचा संबंधी रोगों का शिकार होना पड़ रहा है.
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Delhi Water News: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-22 में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा गंदे पानी की सप्लाई की जा रही है, जिसके चलते लोग पेट और त्वचा संबंधी रोगों का शिकार हो रहे हैं. रोहिणी सेक्टर-22 पॉकेट 14 के स्थानीय निवासियों का कहना है कि रोहिणी सेक्टर-22 डीडीए (DDA) का सेक्टर है न कि कोई कच्ची कॉलोनी, इसके वावजूद इसके सेक्टर निवासी दूषित गंदे पानी के साथ 48 घंटे के बाद एक टाइम के लिए मिलने वाली पानी की सप्लाई की समस्या से जूझ रहे हैं.
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लोगों के घरों में केवल 500 से 1000 लीटर की पानी की टंकी स्टोर करने की व्यवस्था है, लेकिन 48 घंटे में केवल एक घंटे तक पानी की सप्लाई के कारण पानी 2 दिन तक स्टोर पानी नहीं चल पाता. इससे महिलाओं को घर के जरूरी काम काज करने में परेशानी होती है और 48 घंटे में जो पानी मिलता है वो भी 1 घंटे तक बहुत गंदा नाले जैसा आता है.
लोगों ने समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड कंट्रोल रूम समेत इलाके के एक्शन जेई सभी को शिकायत की हुई है. इसके बावजूद कोई समाधान नहीं होने से लोग खासे नाराज हैं. समस्या को लेकर हमनें लोगों से बात करके इलाके के विधायक जय भगवान उपकार से बात की, जिसके बाद विधायक साहब अपने विकास कार्यों का गुणगान करते हुए पानी की लाइन बदलवाने की बात कही.
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने करीब दो महीने पहले वजीराबाद जल शोधन संयंत्र में ‘स्वच्छता की दयनीय स्थिति’ का मुद्दा उठाए जाने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर सोमवार को ‘दिल्ली जल बोर्ड’ की आलोचना की. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल हरियाणा में गैरकानूनी रेत खनन और पड़ोसी राज्य में यमुना नदी में औद्योगिक कचरा फेंके जाने से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों से आपूर्ति किए जा रहे जल की गुणवत्ता के मुद्दे को हल किए बिना 6 अप्रैल को मुख्य सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी है.
Input: Mukesh Rana