दिल्ली सरकार की जल मंत्री की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा. उन्होंने दोनों राज्यों से मानसून आने तक दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने की मांग की है.
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Delhi Water Crisis: दिल्ली में आम आदमी पार्टी का सरकार ने लगातार पानी का मुद्दा उठा रखा है. तो वहीं बीजेपी पार्टी ने दावा किया है कि दिल्ली में पानी की कोई कमी नहीं है. वहीं साथ ही में बीजेपी ने पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. इस बीच दिल्ली सरकार ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकार को पत्र लिखकर अतिरिक्त पानी की मांग की है. दिल्ली सरकार की जल मंत्री की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखा. उन्होंने दोनों राज्यों से मानसून आने तक दिल्ली को अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराने की मांग की है.
यमुना जलस्तर में आई है कमी
आतिशी ने पत्र लिखा की भीषण गर्मी के चलते दिल्ली में पानी की मांग बढ़ी है. इसके साथ ही यमुना के जरिए मिलने वाले पानी में भी कमी आई है. इस स्थिति में दिल्ली में पानी की कमी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में परेशानी हो रही है. उन्होंने पत्र में लिखा कि 30 मई को यमुना के जल स्तर पर गिरावट आई है. वजीराबाद बैराज में यमुना का जल स्तर सामान्य स्थिति में 674.50 फीट होना चाहिए था, जो कि अब 670.30 रह गया है. इससे पता चलता है कि यमुना के जलस्तर में भारी गिरावट आई है.
स्वच्छ पेजयल मिलना लोगों का अधिकार है
आतिशी ने कहा कि पानी सभी की जरूरत है उसके बिना किसी का भी काम नहीं चल सकता. स्वच्छ पेजयल मिलना सभी लोगों का अधिकार है, लेकिन दिल्ली में पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए जरूरी है दिल्ली में पर्याप्त पानी उपलब्ध हो. पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से बैठक भी की जानी चाहिए. आतिशी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि दिल्ली सरकार अपने संयंत्रों के माध्यम से पानी की उपलब्धता को बढ़ाने की दिशा पर काम कर रही है, लेकिन उसके बाद भी मांग के अनुरूप पानी उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है.
पानी के नाम पर राजनीति की जा रही है- वीरेंद्र सचदेवा
वहीं इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि दिल्ली के अंदर जल संकट के नाम पर राजनीति की जा रही है. दिल्ली के अंदर पानी की कमी नहीं है. वहीं उत्तर प्रदेश और हरियाणा की तरफ से अत्यधिक पानी प्रदान किया जा रहा है जो कि दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड से सत्यापित होता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में जल संकट के पीछे दो कारण है . पहला, दिल्ली के अंदर शोधित का बड़ा हिस्सा चोरी और लीकेज के चलते बर्बाद हो जाता है. दूसरा, वजीराबाद और सोनिया विहार प्लांट में मिट्टी भारी हुई है. लेकिन दिल्ली सरकार की वास्तविक रूप से समस्या पर कुछ भी काम नहीं किया. वह सिर्फ राजनीति करने के लिए दिल्ली और हरियाणा से पानी की मांग की जा रही है. जबकि उनको जरूरत है कि वह पानी के लीकेज व चोरी को रोके और साथ ही प्लांट में भरी हुई मिट्टी को साफ कराएं