Delhi News: 33% आरक्षण का कानून बनते ही छात्र राजनीति में महिलाओं ने उठाई 50% रिजर्वेशन की मांग
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Delhi News: 33% आरक्षण का कानून बनते ही छात्र राजनीति में महिलाओं ने उठाई 50% रिजर्वेशन की मांग

Delhi News: सदन में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलने के बाद अब छात्र संघ चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण देने की मांग तेज हो गई है. छात्र राजनीति में महिलाओं के हिस्सेदारी होना भी जरूरी है, तभी विश्वविद्यालय की हर एक छात्रा की आवाज ऊंची और मजबूत होगी. 

Delhi News: 33% आरक्षण का कानून बनते ही छात्र राजनीति में महिलाओं ने उठाई 50% रिजर्वेशन की मांग

Delhi News: दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में छात्र संघ चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण देने की मांग तेज हो गई है. आज DU के छात्र-छात्राओं ने डीन और यूनिवर्सिटी प्रशासन से की मुलाकात कर छात्र संघ चुनाव में विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम 50% आरक्षण देने की मांग की है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से छात्रों तो आश्वासन भी दिया गया है, ऐसे में देखना होगा कि इस पर काम शुरू किया जाता है या नहीं.

हाल ही में महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों में पास हो गया, जिसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है. सदन में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलने के बाद अब छात्र संघ चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण देने की मांग तेज हो गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ लॉ की छात्रा शबाना हुसैन, अधिवक्ता आशु बिधूड़ी, अधिवक्ता अजीत कुमार और सोशल एक्टिविस्ट कुलदीप सिंह के नेतृत्व में  विश्वविद्यालय की छात्राओं ने दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन से मुलाकात की. इस दौरान हाल ही महिलाओं के लिए सदन में पारित हुए 33% हिस्सेदारी वाले आरक्षण बिल की तरह विश्वविद्यालय की राजनीति में भी महिला आरक्षण की मांग की गई.

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विश्वविद्यालय प्रशासन से मुलाकात करने के बाद शबाना हुसैन ने कहा कि हमारे देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो गए हैं और जब पूरा देश अमृत काल महोत्सव मना रहा हैं तब हम दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में महिलाओं को कहीं नहीं देख रहे हैं. छात्र राजनीति में महिलाओं के हिस्सेदारी होना भी जरूरी है, तभी विश्वविद्यालय की हर एक छात्रा की आवाज ऊंची और मजबूत होगी. विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम हमें 50% आरक्षण की जरूरत है.

शबाना हुसैन ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में महिलाओं की स्थिति का अंदाजा बस इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुलेआम में मिरांडा हाउस में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जाती है. दिवाली फेस्टिवल में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था, लेकिन छात्र राजनीति के नाम पर हर साल वोट मांगने वाले इन मसलों पर खामोश रहते हैं. जब इलेक्शन आया तो फिर वोट मांगने चले आए. उनके लिए विश्वविद्यालय में महिला दुर्व्यवहार कोई मुद्दा ही नहीं है. इस हिसाब से समझ में आता है कि महिलाओं कि इस विश्वविद्यालय में कैसी स्थिति है. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन हमें छात्र राजनीति में 50% आरक्षण देता है तो कम से कम ऐसी घटनाएं होने से तो हम रोक लेंगे.एक महिला का दर्द दूसरी महिला ही समझ सकती है, वह पुरुषों के समझ से परे है.

फिलहाल आपको बता दें कि हर बार दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्राओं को लेकर डूसू चुनाव में 50% आरक्षित सीटों की मांग उठती रही है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ. अब एक बार फिर डूसू चुनाव पूरा होने के बाद यह मांग दोबारा उठी और इस बार छात्राओं को उम्मीद है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके दिए हुए ज्ञापन पर संज्ञान लेकर जल्द ही इस प्रक्रिया पर कार्य शुरू करेगा.

Input- Nasim Ahmad

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