Delhi News: शिक्षा संस्थानों से आरक्षण खत्म करने के खिलाफ NSUI छात्रसंघ ने निकाला मशाल मार्च
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2086673

Delhi News: शिक्षा संस्थानों से आरक्षण खत्म करने के खिलाफ NSUI छात्रसंघ ने निकाला मशाल मार्च

राजधानी दिल्ली के नॉर्थ दिल्ली यूनिवर्सिटी में NSUI छात्र संघ द्वारा मशाल मार्च निकाला गया. यह मशाल मार्च UGC वह भाजपा के खिलाफ था. इस मशाल मार्च में NSUI छात्र संघ के अध्यक्ष वरुण चौधरी डूसू से कई पदाधिकारी छात्र हुए शामिल.

Delhi News: शिक्षा संस्थानों से आरक्षण खत्म करने के खिलाफ NSUI छात्रसंघ ने निकाला मशाल मार्च

NSUI Student Union Protest: राजधानी दिल्ली के नॉर्थ दिल्ली यूनिवर्सिटी में NSUI छात्र संघ द्वारा मशाल मार्च निकाला गया. यह मशाल मार्च UGC वह भाजपा के खिलाफ था. इस मशाल मार्च में NSUI छात्र संघ के अध्यक्ष वरुण चौधरी डूसू से कई पदाधिकारी छात्र हुए शामिल. इस मार्च में NSUI के सैकड़ो छात्रों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और UGC के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आर्ट फैकल्टी से हंसराज कॉलेज तक सड़क हाथों में मशाल लेकर मार्च निकाला.

आज उत्तर दिल्ली के विश्वविद्यालय में एनएसयूआई द्वारा मशाल मार्च निकाला गया या मार्च क्यों निकाला गया. आपको बता दें विश्वविद्यालय  UGC ने उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए रिक्तियों को डी-आरक्षित करने को सुक्षाव दिया है. साथ ही यूजीसी ने पर्याप्त आरक्षित उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें सामान्य वर्ग के लिए खोलने के लिए मसौदा दिशा निर्देश जारी किए हैं.

उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण नीति के कार्यान्वयन के लिए दिशा निर्देश यूजीसी द्वारा 27 दिसंबर को जारी किए गए थे और इस पर 28 जनवरी तक लोगों की राय भी मांगी गई थी. मसौदे में कहा गया है कि सीधी भर्ती में आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित करने पर सामान्य प्रतिबंध है, लेकिन असाधारण मामलों में ग्रुप-A के पद पर किसी रिक्ति को सार्वजनिक हित में खाली रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इस संबंध में विश्वविद्यालय एक प्रस्ताव तैयार कर सकता है.

ये भी पढ़ें: Budget 2024: मौजूदा सरकार का आखिरी बजट सत्र, जानें कब पेश होगा अंतरिम बजट

जबकि ग्रुप-सी और ग्रुप-डी पदों के लिए डी-आरक्षण के प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया जा सकता है. ग्रुप-ए और ग्रुप-बी पदों के लिए डी-आरक्षण का प्रस्ताव शिक्षा मंत्रालय को प्रस्तुत किया जाना चाहिए, जिसमें अनुमोदन की पूरी जानकारी होनी चाहिए. मसौदे में कहा गया है कि मंजूरी के बाद पद भरा जा सकता है और कोटा आगे बढ़ाया जा सकता है.

दिशा निर्देशों में कहा गया है कि विश्वविद्यालय के एससी, एसटी के लिए नियुक्ति प्राधिकारी और संपर्क अधिकारी के बीच असहमति के मामले में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की सलाह प्राप्त की जाती है और उसे लागू किया जाता है. लेकिन जब इस बात का विरोध लगातार होने लगा जानकारी निकाल के सामने आई कि यूजीसी द्वारा जो मसौदा तैयार किया गया था. उसको वापस ले लिया गया है, लेकिन NSUI छात्रसंघ ने आज यूनिवर्सिटी में यूजीसी और भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए हाथों में मशाल लेकर सड़क पर मार्च निकाला.  UGC द्वारा मसूदा लेने के बाद भी एनएसयूआई का यह विरोध प्रदर्शन इसलिए था कि UGC द्वारा जो मसौदा पास किया गया था. एससी एसटी ओबीसी सीटों को लेकर यूजीसी कही उसको फिर से लागू न कर दे. एनएसयूआई की तरफ से यह मार्च शांतिपूर्वक निकाली गई.

Input: नसीम अहमद