Delhi News: दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी ने अपनी चिट्ठी में जो बात कही हैं वे बहुत ही गंभीर है. उन्होंने कहा कि दिल्ली हमेशा से केंद्र की प्रयोगशाला रही है.
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Delhi News: दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. दिल्ली अध्यादेश मामले में उन्होंने कहा है कि जिन भी राज्यों में गैर भाजपाई सरकार है, वो राज्य केंद्र के निशाने पर हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि आज जिस तरह से दिल्ली में अध्यादेश लाया गया है, ठीक उसी तरीके से दूसरे राज्यों की सरकारों को भी निशाने पर लिया जा सकता है.
सरकार पर बोला हमला
दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी ने अपनी चिट्ठी में जो बात कही हैं वे बहुत ही गंभीर है. ये हर विपक्ष और गैर भाजपाई सरकार के लिए चिंता का विषय है. कोई भी संविधान विशेषज्ञ इस बात को वेरिफाई कर देगा, जिस तरह से एक अध्यादेश लाकर केंद्र ने चुनी हुई सरकार के अधिकार को छीन लिया, उसी तरह केंद्र एक कागज का अध्यादेश लाकर एक दिन किसी भी राज्य की कॉन्करेंट लिस्ट में आने वाले सब्जेक्ट को छीन सकता है. अगर शिक्षा , स्वास्थ्य जैसे विषयों को लेकर पूरी व्यवस्था छीन सकते हैं तो आप क्या करेंगे?
दिल्ली हमेशा रही है प्रयोगशाला
सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि दिल्ली हमेशा से केंद्र सरकार की प्रयोगशाला रही है. नजीब जंग जब यहां उपराज्यपाल थे तो अरविंद केजरीवाल के कामों में टांग अड़ाने का काम करते थे. कामों को रोकते थे, कांग्रेस के अजय माकन तब चीयर लीडर हुआ करते थे. कहते थे कि LG सही कर रहे हैं. कुछ दिनों बाद पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने वहां कांग्रेस की सरकार को परेशान करना, कामों में दखल देना शुरू कर दिया तो वहां के कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने धरना प्रदर्शन किया. दिल्ली में भी धरना प्रदर्शन किया और कोर्ट कचहरी तक बात पहुंची.
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पूर्ण राज्यों में भी हो कर रहे हस्तक्षेप
इसके साथ ही सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब तो राज्यपालों ने पूर्ण राज्यों के अंदर जैसे पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पंजाब हर जगह गैर भाजपाई सरकारों के मुख्यमंत्रियों के कामों में दखल दे रहे हैं. कुल मिलाकर चुनी हुई सरकारों को काम नहीं करने दिया जा रहा है.
जो प्रयोग दिल्ली में अध्यादेश के जरिए अब हो रहा है वो दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा. इसलिए हमारे दोनों मुख्यमंत्री विपक्ष के नेताओं से मिले और सभी ने समर्थन देने का भरोसा दिलाया. हम सबको मिलकर इस अध्यादेश को राज्यसभा में रोकना होगा.