जो पार्षद रात 2 बजे भी आने को कहती थीं, चुनाव जीतने के बाद वार्ड में नहीं दिए दर्शन
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जो पार्षद रात 2 बजे भी आने को कहती थीं, चुनाव जीतने के बाद वार्ड में नहीं दिए दर्शन

भलस्वा वार्ड में सड़क पर फैला मलबा साफ करने के लिए कोई नहीं आता. पार्षद की शक्ल नहीं पता. कोई देखने नहीं आता. पार्कों में सफाई नहीं होती है. सड़क पर ही कूड़े का बड़ा पहाड़ बन गया है, जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम होता है.

जो पार्षद रात 2 बजे भी आने को कहती थीं, चुनाव जीतने के बाद वार्ड में नहीं दिए दर्शन

नई दिल्ली : एमसीडी चुनाव के मद्देनजर जी मीडिया का चुनावी चौराहा दिल्ली के भलस्वा वार्ड (वार्ड नंबर 17) में पहुंचा. सुरेंद्र खर्ब यहां से पार्षद रह चुके हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक नालियां भरी रहती हैं. गंदगी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. अगर कोई शिकायत करता है तो कर्मचारी ऊपर से मलबा हटाते हैं और गाद नाले के बाहर ही छोड़कर चले जाते हैं.

सड़क पर फैला मलबा साफ करने के लिए कोई नहीं आता. पार्षद की शक्ल नहीं पता. कोई देखने नहीं आता. पार्कों में सफाई नहीं होती है. सड़क पर ही कूड़े का बड़ा पहाड़ बन गया है, जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम होता है. सटे हुए घरों में जहरीली हवा जाती है. कूड़े पर हमेशा जानवर घूमते होते हैं और कचरे को बिखेरकर वातावरण खराब करते रखते हैं. कर्मचारी तो मन मर्जी से ही आते हैं.

इसी तरह जब ज़ी मीडिया के चुनावी चौराहा पर समयपुर बादली (वार्ड नंबर 20) के लोगों से बातचीत कर उनके मुद्दे जाने गए. लोगों का कहना है कि इलेक्शन से पहले पार्षद कहती थी कि रात के 2 बजे भी आवाज लगाओगे तो आ जाएंगी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दर्शन भी नहीं दिए.

पार्कों की सफाई नहीं होती है. कूड़े कचरे और भरी नालियों की समस्या है. निवारण नहीं होता है. जन्म प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र को ठीक करवाने में भी दिक्कत आती है. पार्षद ने कोई काम नहीं किया बस प्रचार करती थीं. इसके अलावा लोगों में भी समझ की कमी है. एमसीडी पार्क में बैंच का लोहा गायब हो गया है. जनता को अपने पार्षद के साथ सामंजस्य बैठाने की भी है जरूरत है.

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