MCD के सियासी अखाड़े में क्या है छोटे दलों की चाल? आंकड़ों से जानें-कौन किसे दे सकता है मात
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MCD के सियासी अखाड़े में क्या है छोटे दलों की चाल? आंकड़ों से जानें-कौन किसे दे सकता है मात

Delhi MCD Election: एमसीडी चुनाव 2017 में कुल 270 वार्ड के लिए चुनाव हुआ था. निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 602145 यानी 8.44 फीसदी वोट के साथ कुल 6 वार्ड में जीत दर्ज की थी.

MCD के सियासी अखाड़े में क्या है छोटे दलों की चाल? आंकड़ों से जानें-कौन किसे दे सकता है मात

Delhi MCD Election 2022: करीब एक सप्ताह बाद दिल्ली में नगर निगम का चुनाव होना है. बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत कई सियासी दल सियासी अखाड़े में प्रतिद्वंद्वी को धूल चटाने के लिए जोर-शोर से जुटे हैं. जहां एक तरफ BJP अपने तमाम बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारकर पिछले 15 साल के कामकाज को भुनाने में जुटी है. वहीं आम आदमी पार्टी कूड़े और MCD में व्याप्त भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए डोर-टू-डोर कैंपेन कर रही है. 

इस सियासी अखाड़े में कांग्रेस को भी कहीं न कहीं भरोसा है कि वह इन दोनों दलों को कड़ी टक्कर दे सकती है, लेकिन बीजेपी और आम आदमी पार्टी के मुकाबले कांग्रेस का संगठन उतना सक्रिय नहीं दिख रहा है. इन सब के बीच असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, बसपा, जद(यू) समेत अन्य दल भी उम्मीदवार उतार चुके हैं. इस बार का एमसीडी चुनाव करीब 1.46 करोड़ जनता के भरोसे हैं, जिनकी जिम्मेदारी 250 म्युनिसिपल वार्ड के पार्षदों को चुनने की है. 

किन दलों के कितने उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान में
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक कुल 250 वार्ड के लिए कुल 1349 उम्मीदवार जीत दर्ज करने के लिए चुनावी मैदान में हैं. इस बार कुल 709 महिला और 640 पुरुष उम्मीदवार हैं. कुल उम्मीदवार का 28.5 फीसदी यानी कुल 384 उम्मीदवार निर्दलीय है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी के कुल 250 तो कांग्रेस के कुल 247 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बहुजन समाज पार्टी के कुल 132 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.इनके अलावा 12 अन्य राजनीतिक दलों ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

इनमें बसपा, सपा, सीपीआई, सीपीआई (एम), एनसीपी, आरएलडी, एआईएआईएम, इनेलो, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शामिल है. कुल 60 से अधिक वार्ड ऐसे हैं, जहां 7 से 13  उम्मीदवार मैदान में हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने चंद्रशेखर आजाद रावण की पार्टी आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. एआईएआईएम ने कुल 15 उम्मीदवार उतारे हैं.

पिछले एमसीडी चुनाव में कैसा रहा था प्रदर्शन
नजफगढ़, विकासपुरी, कापसहेड़ा, छतरपुर, महरौली, लाडो सराय, तिमारपुर समेत 25 ऐसे वार्ड थे, जहां हार-जीत का अंतर 500 से भी कम था. इन वार्डों में जीत दर्ज करने वाले में इंडिपेंडेट उम्मीदवार भी थे. छतरपुर, चिराग दिल्ली, दरियागंज, भजनपुरा और विनोद नगर ऐसे वार्ड थे, जहां हार-जीत का अंतर 100 वोटों से भी कम रहा था. होलंबी कलां, महरौली, कापसहेड़ा, नजफगढ़ पर इंडिपेंडेट उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. वहीं छतरपुर वार्ड पर महज 2 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई थी.

वो वार्ड, जहां सबसे ज्यादा रहा विनिंग मार्जिन 
वार्ड नंबर 38-S द्वारका-बी में बीजेपी उम्मीदवार कमलजीत सहरावत ने 2017 में आप उम्मीदवार सुषमा बंसल को 9,866 मतों के अंतर से हराया था. वहीं वार्ड नं 21-E कृष्णा नगर में बीजेपी उम्मीदवार संजीव कपूर ने आप उम्मीदवार नवीन कुमार गुप्ता को 9,322 मतों के अंतर से हराया था. इसी तरह वार्ड नं 65-N सरस्वती विहार में बीजेपी उम्मीदवार नीरज कुमार ने आप के उम्मीदवार देसराज अग्रवाल को 7,895 मतों से शिकस्त दी थी. वार्ड- 70S छतरपुर में बीजेपी उम्मीदवार अनिता तंवर ने महज 2 वोटों के अंतर से आप उम्मीदवार पिंकी त्यागी को हराया था.

इसी तरह वार्ड- 44E भजनपुरा में बीजेपी उम्मीदवार गुरजीत कौर ने महज 58 मतों के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार रेखा रानी को हराया था. वार्ड नंबर 87-N बाजार सीता राम, जहां कांग्रेस उम्मीदवार सीमा ताहिरा ने आप की उम्मीदवार शमा परवीन को महज 259 वोटों से पराजित किया था.

पिछली बार के चुनाव में छोटे दलों का प्रदर्शन
अगर हम एमसीडी चुनाव 2017 की बात करें तो कुल 270 वार्ड के लिए चुनाव हुआ था. बीजेपी, आप और कांग्रेस के अलावा कुल 18 दलों के उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था. भारतीय जनता पार्टी ने कुल 25,75,116 यानी 36.08 फीसदी वोट हासिल कर 181 वार्ड जीते थे. आम आदमी पार्टी कुल 18 लाख 71 हजार 964 वोट यानी 26.23 फीसदी वोट हासिल कर कुल 48 वार्ड में जीत दर्ज की. कांग्रेस कुल 1504964 वोट यानी 21.09 फीसदी वोट हासिल कर कुल 30 वार्ड जीत पाई.

वहीं बहुजन समाज पार्टी ने कुल 316688 वोट यानी 4.44 फीसदी वोट पाकर कुल 3 वार्ड अपने नाम किए थे. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 602145 यानी 8.44 फीसदी वोट के साथ कुल 6 वार्ड में जीत दर्ज की थी. AIMIM को महज 18439 यानी 0.26 फीसदी वोट मिले थे. इसके लोक जनशक्ति पार्टी को महज 4862 वोट  (0.07 फीसदी वोट), समाजवादी पार्टी को महज 27910 यानी 0.39 फीसदी वोट मिले थे. 

वहीं आगर हम एमसीडी चुनाव 2012 की बात करें तो कुल 272 वार्ड के लिए बीजेपी और कांग्रेस के अलावा कुल 17 दलों के उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था. उस समय भारतीय जनता पार्टी ने कुल 2261358 वोट यानी 36.74 फीसदी वोट हासिल कर कुल 138 वार्ड में जीत का परचम लहराया. कांग्रेस कुल 1880279 यानी 30.54 फीसदी वोट हासिल कर कुल 77 वार्ड जीतने में कामयाब रही थी. निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 875529 यानी 14.22 फीसदी वोट के साथ कुल 24 वार्ड में जीत दर्ज की थी.

बहुजन समाज पार्टी ने कुल 614116 यानी 9.98 फीसदी वोट हासिल कर कुल 15 वार्ड में जीत दर्ज की थी. इंडियन नेशनल लोकदल के उम्मीदवारों ने कुल 73424 (1.19 फीसदी) वोट हासिल कर कुल 3 वार्ड में जीत का परचम फहराया था. एनसीपी ने 2.26 फीसदी वोट के साथ कुल 6 और समाजवादी पार्टी ने कुल 1.93 फीसदी वोट हासिल कर कुल 2 वार्ड अपने नाम किए थे. 

वो दल जिनके प्रत्याशी दो चुनावों में नहीं बचा सके थे जमानत
साल 2017 में कुल 2,516 उम्मीदवारों में से कुल 1803 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए थे. सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवारों यानी 1,163 उम्मीदवारों में से कुल 1,139 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. एमसीडी चुनाव 2017 में आम आदमी पार्टी के कुल 270 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिनमें से कुल 38 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे. बहुजन समाज पार्टी के कुल 209 उम्मीदवारों में से कुल 194 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. कांग्रेस के कुल 269 उम्मीदवारों में से 92 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे.

जनता दल (यूनाइटेड) के कुल 94 में से 94 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. भारतीय जनता पार्टी के कुल 265 उम्मीदवारों में से 5 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे. शिवसेना के कुल 56 में से 56 और एनसीपी के 43 में से 42 उम्मीदवारों को और एआईएआईएम के कुल 8 में से 8 उम्मीदवारों को जमानत गंवाना पड़ी थी.

 अगर हम साल 2012 में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव की बात करें तो कुल 2,423 उम्मीदवारों में से कुल 1,782 उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा पाए थे. सबसे ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार को जमानत खोनी पड़ी थी यानी कुल 1,174 उम्मीदवार में से 1,119 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. उस दौरान बहुजन समाज पार्टी के कुल 253 में से कुल 203 उम्मीदवारों को जमानत गंवानी पड़ी. वहीं बीजेपी को 272 उम्मीदवारों में से 18, कांग्रेस के कुल 271 में से 26, लोक जन शक्ति पार्टी के कुल 70 में से 69 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी. एनसीपी के 81 में 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी. समाजवादीपार्टी के कुल 107 में से 101 उम्मीदवारों को जमानत गंवानी पड़ी थी. 

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