दिल्ली में फिर टला Mayor Election, SC ने कहा मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं
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दिल्ली में फिर टला Mayor Election, SC ने कहा मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं

Delhi Mayor Election: AAP मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई करते हुए SC ने कहा कि मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.

दिल्ली में फिर टला Mayor Election, SC ने कहा मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं

Delhi Mayor Election: दिल्ली में मेयर चुनाव को लेकर चल रहे घमासान के बीच चौथी बार मेयर चुनाव टल गए हैं. दरअसल AAP मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने से रोकने की मांग की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मनोनीत सदस्यों को वोट डालने का अधिकार नहीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. 

क्या है पूरा मामला 
दिल्ली में MCD चुनाव के बाद मेयर चुनाव को लेकर AAP और BJP के बीच घमासान जारी है. 6 फरवरी को सदन की तीसरी बैठक में मनोनीत सदस्यों को वोट डालने का अधिकार दिया गया, जिसपर AAP पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. 

AAP मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें मनोनीत सदस्यों को मतदान से रोकने और   नगर निगम के सदन के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी को हटाने की मांग की गई थी.शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मनोनीत सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं है. इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी. 
 
LG की तरफ से 16 फरवरी को सदन का सत्र आयोजित करने को मंजूरी दी गई थी, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद LG कार्यालय की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई की 16 फरवरी को चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं. 

मेयर चुनाव के लिए अब तक 3 बार सदन की बैठक बुलाई जा चुकी है. 6 जनवरी को सदन की पहली बैठक बुलाई गई थी, जिसमें AAP और BJP सांसदों के बीच हुए भारी हंगामें के बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया. 24 जनवरी को सदन की दूसरी बैठक में भी AAP और BJP के पार्षदों के बीच हंगामें की वजह से चुनाव नहीं हो पाया. 6 फरवरी को मनोनीत सदस्यों को वोटिंग का अधिकार दिए जाने के बाद AAP पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया और सदन की कार्रवाही स्थगित करनी पड़ी.ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही दिल्ली को मेयर मिल पाएगा.