महाराणा प्रताप के वंशज से जोड़ा जा रहा सिसोदिया का नाम, जानिए इस वंश की गौरवगाथा
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महाराणा प्रताप के वंशज से जोड़ा जा रहा सिसोदिया का नाम, जानिए इस वंश की गौरवगाथा

सारा देश जिस शासक के साहस और पराक्रम का बखान करते नहीं थकता ऐसे  राजा महाराणा प्रताप  के वंशज हैं  दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया. कहा,  'मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं, राजपूत हूं, सर कटा लूंगा लेकिन भ्रष्टाचारियो-षड्यंत्रकारियों के सामने झुकूंगा नहीं'.

 

महाराणा प्रताप के वंशज से जोड़ा जा रहा सिसोदिया का नाम, जानिए इस वंश की गौरवगाथा

Sisodiya Vansh History: दिल्ली में इन दिनों राज्य की AAP सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी मुख्य वजह दिल्ली की नई आबकारी नीति है. पहले दिल्ली में इस नीति को लागू करने के लिए LG ने अनुमति दी, बाद में इस पर सवाल उठे और फिर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर CBI ने छापेमारी की. 

इन सबके बीच कल डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ CBI के द्वारा लुकआउट नोटिस जारी होने की बात भी सामने आई थी, जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए CBI ने इस बात से इंकार कर दिया. अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, सिसोदिया ने एक ट्वीट कर कहा कि उन्हें बीजेपी में आने का ऑफर मिला है. उनसे कहा गया है कि AAP को तोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाओ, सीबीआई, ईडी के केस बंद कर देंगे. 

 

इस ट्वीट में सिसोदिया ने खुद को महाराणा प्रताप का वंशज बताया है, जिसे पढ़ने के बाद आप भी सोच में पड़ गए होंगे, हालांकि ये कोई पहली बार नहीं जब सिसोदिया ने अपनी बातों में महाराणा प्रताप का जिक्र किया हो. आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए सिसोदिया वंश से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां लेकर आए हैं, जो सिसोदिया के महाराणा प्रताप के वंशज होने की बात को सिद्ध करती हैं.

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सिसोदिया वंश
बप्पा रायड़े ने चित्तौड़ के प्रसिद्ध दुर्ग पर अधिकार कर मेवाड़ में सन् 556 ई. में गुहिल वंश अथवा गहलौत वंश की स्थापना की थी, जिसे गहलौत वंश और फिर सिसोदिया राजवंश के नाम से जाना गया. उस समय राव रोहितास्व भील को पराजित कर करणसिंह ने शिसोदा गांव पर आधिपत्य कर लिया. शिसोदा गांव से सिसोदिया शब्द की उत्पत्ति हुई और इस वंश का नाम सिसोदिया पड़ गया. 

इस वंश के कई शासकों का नाम इतिहास के पन्नों में है दर्ज
इस वंश में बप्पा रावल , महाराणा प्रताप, राणा सांगा, राणा कुम्भा जैसे कई महारथियों ने जन्म लिया, जिन्होंने अपने साहस और पराक्रम से अपनी मातृभूमि की रक्षा की और इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया. 

14 हजार साालों से ज्यादा समय तक किया शासन 
सन् 556 ई. में गहलौत वंश की स्थापना बप्पा रायड़े ने की थी, जिसके 62 शासकों ने 1984 ई. तक राज किया. इस वंश के अंतिम शासक राणा महेन्द्र सिंह थे. 

24 से ज्यादा शाखाएं
1,428 सालों से ज्यादा समय तक शासन करने वाले इस वंश में समय के अनुसार स्थान परिवर्तन और वंश वृद्धि के साथ कई शाखाएं उत्पन्न हुईं. वर्तमान में इस वंश की 24 शाखाओं के बारे में जानकारी है.