दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति की CBI जांच के आदेश देने के बाद, अब एक बार फिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई आबकारी नीति को एक महीने बढ़ाने वाले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है.
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Delhi Excise License Extension: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अभी कुछ दिनों पहले आप सरकार की नई आबकारी नीति में गड़बड़ी का हवाला देते हुए CBI जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद दिल्ली में फिर से पुरानी आबकारी नीति लागू होने वाली थी. अब एक बार फिर LG ने नई आबकारी नीति को एक महीने बढ़ाने के आदेश पर मोहर लगा दी है. 31 अगस्त तक दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी जारी रहेगी, जिसके आदेश दिए जा चुके हैं.
नई और पुरानी आबकारी नीति के बीच सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर दोनों में क्या-क्या बदलाव हुए-
1. नई आबकारी नीति में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा को 25 वर्ष से कम करके 21 वर्ष कर दिया गया था.
2. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर संचालित होने वाली दुकानों और होटल में 24 घंटे शराब बेचने की अनुमति दी गई.
3. पुरानी नीति के अनुसार सभी दुकानें 150 वर्ग फीट में थी, जिनका काउंटर सड़क की तरफ होता था. नई नीति में शराब की दुकान कम से कम 500 वर्ग फीट में खोली जा रहीं थी और कोई भी काउंटर सड़क की तरफ नहीं था.
4. नई नीति के लागू होने के बाद शराब की दुकान के लाइसेंसधारक होम डिलीवरी की सुविधा भी दे रहे थे.
5. मार्केट रेट के हिसाब से शराब की कीमत निर्धारित होती थी, जिसके बाद दुकानदारों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए कई ऑफर देने भी शुरू कर दिए थे.
6. ऑफर मिलने की वजह से आस-पास के राज्यों के लोग भी शराब खरीदने के लिए दिल्ली आ रहे थे, जिससे दुकानदारों को अच्छा मुनाफा हो रहा था.
कब क्या हुआ-
नई आबकारी नीति 2021-22 के अनुसार शहर में 468 शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं, जो 31 जुलाई के बाद बंद होने वाली थीं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी के बाद अब ये दुकानें 1 महीने तक खुली रहेंगी.
LG के नए आदेश के अनुसार दिल्ली के L-1, L7Z और L7V श्रेणी के लाइसेंस धारकों को 1 महीने का एक्सटेंशन दिया है. इसके पहले आबकारी विभाग ने L-3 श्रेणी के लाइसेंस धारकों को 30 सितंबर तक का एक्सटेंशन दिया था.
एक्सटेंशन की वजह
मौजूदा स्टॉक क्लीयरेंस के लिए ये आदेश दिया गया है. साथ ही खुदरा और थोक ठेके को बंद होने की वजह से शहर के लोगों को शराब नहीं मिल पाएगी, जिससे कानून व्यवस्था भी बिगड़ सकती है. इन सभी पहलुओं पर गौर करते हुए LG विनय कुमार सक्सेना ने यह आदेश जारी किया है.