Delhi Badh: ITO बैराज के 5 जाम गेट्स दिल्ली के लिए मुसिबत बने हुए हैं. ये पांचों गेट जाम पड़े हैं, जिस वजह से दिल्ली में जमे पानी की निकासी सही ढंग से नहीं हो पा रही है. इसी कड़ी में आज मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गेट्स को खोलने के लिए कंप्रेशर मंगवाए गए हैं. अगर उससे भी काम नहीं होता है तो फिर दूसरे विकल्प का इस्तेमाल करेंगे.
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Delhi Badh: दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से नदी के आसपास के इलाकों में पानी भर गया है. ऐसे में केजरीवाल सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए गुरुवार को सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सचिवालय के समीप आईटीओ ब्रिज पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि आईटीओ ब्रिज के नीचे लोहे के गेट्स (बैराज) हैं, जोकि हरियाणा सरकार द्वारा संचालित हैं, जहां एक तरफ गेट्स खुले होने से पानी बहुत तेजी से आगे बह रहा है, मगर दूसरी तरफ 5 गेट बंद होने से पानी नहीं बह पा रहा है. ये पांच गेट्स सिल्ट जमा होने के कारण जाम हैं. यही वजह है कि वजीराबाद से आने वाला पानी आईटीओ ब्रिज के नीचे एक तरफ से बाहर नहीं निकल पा रहा है.
गैस कटर से कटवाएंगे गेट्स
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि हम आईटीओ ब्रिज के नीचे सिल्ट से जाम इन 5 गेट्स को खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. गेट्स के चारों तरफ जमे सिल्ट को निकालने के लिए कोंडली प्लांट से कंप्रेसर मंगवाया गया है. कंप्रेसर के जरिए सिल्ट हटाया जाएगा और फिर गेट्स को खोलने की कोशिश की जाएगी. अगर इसके बावजूद भी गेट्स नहीं खुल पाए, तो गैस कटर से इन्हें काट दिया जाएगा. ताकि ये गेट्स खुल जाएं और पानी ज्यादा तेजी से दिल्ली से बाहर निकल पाए. इससे काफी फायदा मिलेगा.
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सभी विभाग हैं अलर्ट
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए विभागों को सदैव अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. दिल्ली सरकार का हर विभाग अपने स्तर पर लोगों की मदद में जुटा है और स्थिति पर लगातार पैनी नजर रखे हुए है. हम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. डूबे क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. राहत और बचाव कार्यों के लिए यमुना में विभिन्न जगहों पर मोटर बोट्स तैनात की गई हैं, जिसपर बचाव संबंधित सभी जरुरी उपकरण मौजूद हैं. साथ ही गोताखोर और मेडिकल टीमें भी तैनात हैं. उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा यमुना के निचले इलाकों से लोगों को निकालने के लिए मुनादी की जा रही है. दिल्ली के 6 डिस्ट्रिक्ट में करीब 2500 शिविर बनाए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों के लिए रहने व भोजन का प्रबंध है.