दिल्ली के यमुना नदी में हो रहे रेत खनन व पानी दोहन को लेकर एक शिकायतकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारी समेत रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कई लोगों को फटकार लगाई है.
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Delhi News: उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद व बुराड़ी थाना अंतर्गत यमुना नदी किनारे पिछले कई वर्षों से लगातार रेत खनन व पानी दोहन माफिया सक्रिय हैं. लगातार रेत खनन व अवैध बोरवेल लगा कर पानी दोहन का कार्य बुराड़ी जगतपुर व वजीराबाद, तिमारपुर में यमुना नदी के घाटों पर जोरों-शोरों से माफिया द्वारा चलाया जा रहा है. रेत खनन और पानी दोहन के चलते यमुना पुस्ते पर लगातार भारी वाहन, ट्रक, ट्रैक्टर, ट्राली,JCB और आधुनिक मशीनों की आवाजाही से यमुना बांध कई जगहों से कमजोर हो चुका है. वहीं अब यमुना नदी के साथ-साथ यमुना पुस्ते पर भी लगातार हादसों में मरने वाले लोगों के आकड़ो में बढ़ोतरी होते जा रही है.
अवैध बोरवेल की याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची
बता दें कि एक शिकायतकर्ता ने यमुना पुस्ते पर चलने वाले भारी वाहनों से खस्ताहाल हुए यमुना बांध को देखते हुए और यमुना नदी में हो रहे रेत खनन और अवैध बोरवेल लगाकर पानी दोहन के मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारी समेत रेवेन्यू डिपार्टमेंट के डीएम एसडीएम व एमसीडी के कई बड़े अधिकारियों से यमुना नदी में हो रहे अवैध रेत खनन और पानी दोहन को लेकर जवाब मांगा है. उन्हें आने वाले तीन हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी होगी. रिपोर्ट में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस , राजस्व सरकार और नगर निगम द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख होना चाहिए. जिसको लेकर सभी प्रशासनिक अधिकारियों में अब हड़कंप मच गया है.
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अगले मानसून में यहां आ सकती है बाढ़
दरअसल आपको बता दें बीते कुछ महीने पहले दिल्ली में बाढ़ आने से काफी इलाकों में भारी नुकसान हुआ. पल्ला से वजीराबाद तक यमुना किनारे दर्जनों गांव मे रहने वाले लोगों के लिए यह यमुना पुस्ता बांध लाइफ लाइन के रूप में देखा जाता है. इस यमुना पुस्ता बांध से लगातार यमुना नदी से निकलने वाले अवैध रेत खनन और पानी दोहन के भरे हुए टैंकर, ट्रक , हाईवा, ट्रैक्टर ट्राली निकालने के चलते ये लाइफ लाइन कई जगह से डैमेज हो चुका है. यदि पिछली बार की तरह अगले मानसून में यमुना अपने उफान पर होती है तो शायद यमुना किनारे बसे घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों में रहने वाले लोगो को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.
इनपुट- नसीम अहमद