सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
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सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

परिवहन संबंधी समस्या क्षेत्रों की पहचान करने और दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी से संबंधित चुनौतियों और समस्याओं को हल करने के लिए सीएसएम की स्थापना परिवहन विभाग को प्रौद्योगिकी रोडमैप प्रदान करने के लिए की गई है.

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

तरुण कुमार/ नई दिल्ली : परिवहन विभाग (Transport Department) ने राष्ट्रीय राजधानी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (Public Transport Infrastructure)  को विश्वस्तरीय बनाने और इसके लिए अनुसंधान व प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIIT-D) के साथ एक करार किया है. इसके अनुसार, IIIT-D परिवहन विभाग के साथ मिलकर दिल्ली के नागरिकों के लिए शहरी परिवहन और सतत विकास के क्षेत्र में समस्याओं के समाधान निकालने की दिशा में काम करेगा.

समझौता ज्ञापन पर परिवहन विभाग के उपायुक्त विनोद कुमार यादव और आईआईआईटी-दिल्ली के रजिस्ट्रार अशोक कुमार सोलंकी ने हस्ताक्षर किए.  इस मौके पर परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा, परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त ओपी मिश्रा,आईआईआईटी- दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंजन बोस समेत कई लोग उपस्थित थे. 

समारोह के दौरान IIIT-D में सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी (CSM) का उद्घाटन भी हुआ. अप्रैल 2021 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली नॉलेज डेवलपमेंट फाउंडेशन (DADF) के सहयोग से शहरी परिवहन से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए इस केंद्र की स्थापना के लिए पहले ही एकमुश्त अनुदान प्रदान किया था.

सीएसएम की स्थापना परिवहन संबंधी समस्या क्षेत्रों की पहचान करने और दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी से संबंधित चुनौतियों और समस्याओं को हल करने के लिए परिवहन विभाग को प्रौद्योगिकी रोडमैप प्रदान करने के लिए की गई है. समझौते के अनुसार सीएसएम दिल्ली सरकार की स्टार्ट-अप नीति को गति प्रदान करते हुए परिवहन से जुड़े स्टार्ट अप को बढ़ावा देगी. 

एमओयू के अनुसार, इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अपने सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी के माध्यम से परिवहन विभाग के साथ मिलकर दिल्ली में शहरी गतिशीलता की समस्याओं को हल करने की दिशा में एक तकनीकी रोडमैप को परिभाषित करेगी और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सही तकनीकी समाधान की पहचान करेगी. यह सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करने, समाधान विकसित करने और परिवहन विभाग और इसकी विभिन्न एजेंसियों के लिए उन्हें रोल आउट करने के लिए डेटा और प्रौद्योगिकी को एकीकृत और विश्लेषण करने का भी प्रयास करेगी. 

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सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी, स्टार्ट-अप की सहायता के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में भी काम करेगा. यह परिवहन विभाग और संबंधित एजेंसियों जैसे कि  दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (डीटीआईडीसी) आदि के कर्मचारियों के तकनीकी कौशल प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण का कार्य भी करेगा। यहां के फैकल्टी और सदस्य परिवहन मुद्दों व अर्बन मोबिलिटी पर नियमित रिसर्च पेपर भी तैयार करेंगे. दूसरी ओर, परिवहन विभाग उपयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की पहचान करने के लिए आईआईआईटी-दिल्ली के साथ काम करेगा.

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दिल्ली सरकार सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से लगातार काम कर रही है. IIIT-D के अलावा, यह TRIPP केंद्र (ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड इंजुरी प्रिवेंशन सेंटर ), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के साथ भी काम कर रही है. आईआईआईटी-दिल्ली के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया-आईआईआईटी-दिल्ली टीम द्वारा हमारी कई सफल परियोजनाओं जैसे कि ओपन ट्रांजिट डेटा, हमारे बस डेटा को गूगल मैप्स और वन दिल्ली ऐप के साथ एकीकृत करने आदि में तकनीकी मदद प्रदान की गई थी.

दिल्ली में अर्बन मोबिलिटी चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान केंद्रों के साथ काम करना महत्वपूर्ण है. मुझे विश्वास है कि आईआईआईटी के साथ इस साझेदारी से दिल्ली में स्मार्ट और विश्वसनीय परिवहन वयवस्था को सुदृढ़ बनाने में सहायता मिलेगी.

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