Yamuna Flood: सिसोदिया के सपने को साकार कर रहे सतेंद्र, फ्लाईओवर के नीचे टेंट में बाढ़ पीड़ित बच्चों को दे रहे शिक्षा
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Yamuna Flood: सिसोदिया के सपने को साकार कर रहे सतेंद्र, फ्लाईओवर के नीचे टेंट में बाढ़ पीड़ित बच्चों को दे रहे शिक्षा

Delhi Yamuna Flood: बाढ़ के हालातों के बीच एक शिक्षक ने अनोखी पहल की है, जो हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. यमुना खादर में रहने वाले सतेंद्र ने राहत शिविर में ही टेंट लगाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. 

प्रतीकात्मक फोटो

Delhi Yamuna Flood: पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के शिक्षा मॉडल की सराहना देश-विदेश में हो चुकी है. जेल जाने के बाद उन्होंने कई बार पत्र लिखकर बच्चों से पढ़ाई करने की बात कही है. उनके बताए रास्ते पर चलते हुए बाढ़ प्रभावित यमुना खादर में रहने वाले शिक्षक सतेंद्र पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

यमुना के बढ़ते जलस्तर की वजह से राजधानी दिल्ली के कई इलाके पिछले दिनों बाढ़ की चपेट में आ गए तो अब एक बार फिर यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से बाढ़ का खतरा बना हुआ है. यमुना में आई बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा खादर इलाके में रहने वाले लोग प्रभावित हुए हैं, जो पिछले 15 दिनों से राहत कैंप में रह रहे हैं. बाढ़ के हालातों के बीच बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. ऐसे में सतेंद्र ने राहत शिविर में ही टेंट लगाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. 

शिक्षक की अनोखी पहल
बाढ़ का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी देखने को मिल रहा है, कई स्कूल बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. वहीं दूसरी तरफ बाढ़ में बेखर हुए बच्चे राहत शिविर में अपना जीवन गुजारा कर रहे हैं. इस बीच एक शिक्षक ने अनोखी पहल की है, जो हर तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. खादर में ही रहने वाले शिक्षक ने राहत शिविर में ही टेंट लगाकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया है. 

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मयूर विहार फेज 1 के पास यमुना खादर में रहने वाले लोग बाढ़ का पानी चढ़ने के साथ ही फ्लाईओवर पर ठिकाने को तलाश में आ गए थे. यहीं खादर में ही रहने वाले सतेंद्र पिछले कई सालों से खादर में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का काम करते हैं. बच्चों के स्कूल के एडमिशन में सहायता करना, उन्हें पढ़ने-लिखने की सामग्री मुहैया कराने जैसे कई कामों में वो बच्चों की मदद करते हैं. यमुना में आई बाढ़ की वजह से बच्चों के किताब-कॉपी के साथ ही सतेंद्र का अस्थाई स्कूल भी डूब गया. 

बाढ़ के 10-12 दिन बीत जाने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं, जिसके बाद सतेंद्र ने खुद ही फ्लाईओवर के नीचे एक टेंट लगवाया और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. पिछले 3-4 दिनों से वह दो शिफ्टों में स्कूल चल रहे हैं. वहीं वॉलंटियर टीचर भी बच्चों को पढ़ाने के लिए यहीं आते हैं.

सतेंद्र की सराहना
राहत शिविर में टेंट लगाकर बच्चों की स्कूल शुरू करने वाले सतेंद्र हर तरफ चर्चा का विषय बने हुए हैं, बच्चों की शिक्षा के लिए उनके द्वारा उठाए गए कदम की लोग सराहना कर रहे हैं. सतेंद्र के इस प्रयास की वजह से बाढ़ में बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकेगी. 

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