Acid attack cases: देश में एसिड अटैक को लेकर क्या है कानून, कितनी है सजा?
Advertisement

Acid attack cases: देश में एसिड अटैक को लेकर क्या है कानून, कितनी है सजा?

देश में एसिड अटैक के मामलों में सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रवधान है. एसिड अटैक के मामलों में 10 साल तक की सजा और 3 लाख तक का जुर्माना लग सकता है.

Acid attack cases: देश में एसिड अटैक को लेकर क्या है कानून, कितनी है सजा?

नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका इलाके में 17 साल की एक 12वीं की छात्रा पर एसिड अटैक किया गया है.  भारत में एसिड अटैक रोकने के लिए सख्त कानून है, जिसके बारे में शायद ही सभी जानते होंगे. पहले एसिड अटैक के मामले में कोई अलग से कानूनी प्रवधान नहीं होता था, बल्कि IPC की धारा 326 के तहत ही मामलों में केस दर्ज होता था. पुराने कानून के मुताबिक एसिड अटैक के मामले में पहले 10 साल या उम्र कैद की सजा का प्रावधान था. अब एसिड अटैक के मामलों में IPC की धारा 326A और 326B के तहत मुकदमा दर्ज होता है. 

आईपीसी धारा 326 ए (IPC-226A)
IPC की  धारा 326 A के तहत अगर कोई व्यक्ती जानबूझकर किसी पुरुष या महिला पर तेजाब फेंकता है और उससे उस व्यक्ती को स्थाई या आंशिक रूप से नुकसान पहुंचता है तो इसे गंभीर अपराध के श्रेणी में माना जाता है. ऐसे मामलों में अपराधी को कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद भी हो सकती है. साथ ही यह अपराध गैर जमानती होता है. दोषी पर उचित जुर्माने का भी प्रवधान है. जुर्माने की राशि पीड़िता को दी जाती है.

आईपीसी धारा 326 बी (IPC-226B)
IPC की धारा 226B का उपयोग एसिड अटैक के प्रयासों वालें मामलों में होता है. इस कानून के मुताबिक किसी एक व्यक्ति ने अगर किसी अन्य व्यक्ति पर तेजाब फेंकने का प्रयास किया है, तो यह अपराध संगीन जुर्म माना जाता है. ये अपराध भी गैरजमानती जुर्म के श्रेणी में आता है. ऐसे अपराध में दोषी को कम से कम पांच साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही दोषी को जुर्माना भी देना पड़ सकता है.  

ये भी पढ़ेंः Delhi Acid Attack: दिल्ली के द्वारका में लड़की के मुंह पर फेंका तेजाब, पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार

 क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट
• पीड़ित को कम से कम 3 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश.
• मुआवजे के एक लाख की रकम 15 दिनों के अंदर देना होगा.
• बाकी के दो लाख रुपए दो महीने के अंदर ही देना होगा.
• राज्यों के मुख्य सचिवों को सीधे तौर पर इन आदेशों के पालन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया.
• 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा.
• तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए विक्रेताओं को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा.
• बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और वजह के एसिड नहीं दिया जाएगा.
• मेडिकल और शिक्षा के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा. - एसडीएम एसिड के इस्तेमाल की निगरानी भी करेंगे.
• तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का अगर पालन नहीं होगा, तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा.
• तेजाब को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन भी देने का आदेश है.

Trending news