Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फेक लाइफ सेविंग ड्रग्स बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए 10 आरोपियों को अपनी गिरफ्त में लिया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में दो फैक्ट्रियों को भी सील किया है.
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Delhi News: अगर आप दिल्ली-एनसीआर में रह रहे हैं और कोई अपना बीमार है तो उसे दवा देते वक्त थोड़ा सजग रहने की जरूरत है. मेडिकल शॉप से बिना बिल लिए दवा कतई न लें. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में कुछ स्थानों पर नकली दवा सप्लाई करने का मामला सामने आया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस काले धंधे में लगे गैंग का पर्दाफाश किया है. एक टिप मिलने के बाद पुलिस ने एक के बाद एक 10 लोगों को गिरफ्तार किया. पूछताछ करने पर पुलिस को जो पता चला, उसे जानकर कोई भी हैरान रह जाएगा. दरअसल यूपी के शामली और गाजियाबाद में अवैध फैक्ट्री खोलकर नकली दवाएं बनाई जा रही थीं और उन्हें धड़ल्ले से दिल्ली में सप्लाई किया जा रहा है. ये वो दवाएं हैं, जिन्हें डॉक्टर प्रिस्क्राइब करते हैं. क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी संजय भाटिया ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में फेक दवाइयों की सप्लाई की सूचना मिलने के बाद 3 टीमें बनाई गईं. तीनों को अलग-अलग लोकेशन पर जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई.
तिलक ब्रिज के पास कार सवार गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच की पहली टीम ने दिल्ली के तिलक ब्रिज के पास एक ईको वैन को जांच के लिए रुकवाया. कार में उपकार नाम का शख्स मिला. गाड़ी की तलाशी लेने पर बड़ी तादात में नकली दवाइयां मिलीं. पूछताछ में उसने जसप्रीत नाम का जिक्र किया. पता चला कि फैक्ट्री खोलकर फेक दवाइयों का धंधा एक रैकेट चला रहा है. फैक्ट्री को सुरेंद्र मलिक चला रहा है. क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे धर दबोचा और इसके बाद शामली में उस जगह पहुंची, जहां पर नकली दवाएं बनाई जा रही थीं. पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया.
गाजियाबाद में बनाई जा रही थीं नकली दवाएं
इधर क्राइम ब्रांच की दूसरी टीम ने मुकेश नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर इसके घर से भारी मात्रा में नकली दवाइयां बरामद कर लीं. जब पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो विकास चौहान पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पूछताछ में उसने बताया कि वह गाजियाबाद के राजेंद्र नगर इलाके में एक फैक्ट्री चल रहा है और उसमें नकली दवाइयां बनाई जाती हैं. गाजियाबाद के भोपुरा इलाके में विकास ने गोदाम खोल रखी थी. पुलिस की टीम जब वहां पहुंची तो विकास चौहान का पिता भागने लगा. पुलिस ने पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इस तरह पुलिस ने इस मामले में कुल 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. दो फैक्ट्री सील करने के बाद अब पुलिस यह पता करने में जुटी है कि ये गैंग अब तक कहां-कहां पर इन दवाइयों की सप्लाई कर चुका है.