मोहल्ला क्लिनिक देने वाले सत्येंद्र जैन को मिले पद्म विभूषण, केजरीवाल की मांग में कितना दम?
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मोहल्ला क्लिनिक देने वाले सत्येंद्र जैन को मिले पद्म विभूषण, केजरीवाल की मांग में कितना दम?

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोहल्ला क्लिनिक मॉडल के वास्तुकार के रूप में सत्येंद्र जैन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि देश को उन पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की अवधारणा दी थी, जिसे देखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव सहित दुनियाभर के लोग आते हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि मोहल्ला क्लिनिक मॉडल के वास्तुकार के रूप में सत्येंद्र जैन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना चाहिए. मोहल्ला क्लिनिक में लोगों का मुफ्त इलाज होता है. केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार और देशभक्त करार देते हुए कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है. केजरीवाल ने कहा कि ईडी की जांच में जैन बेगुनाह साबित होंगे. 

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सीएम ने कहा कि देश को उन पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक की अवधारणा दी थी, जिसे देखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव सहित दुनियाभर के लोग आते हैं. केजरीवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि उन्हें पद्मभूषण या पद्मविभूषण जैसा शीर्ष सम्मान मिलना चाहिए. सीएम ने कहा कि CBI ने जैन को क्लीन चिट दी है और अब ईडी की जांच में भी जैन पाक-साफ निकलेंगे.

केजरीवाल ने सत्येंद्र जैन के लिए पद्मभूषण या पद्मविभूषण जैसे शीर्ष सम्मान की मांग तो की है, लेकिन इसिहास में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि जिसके ऊपर किसी भी तरह का कोई मुकदमा चल रहा हो और उसे देश का सर्वोच्च सम्मान मिले. हालांकि ED से अगर क्लीन चिट मिल जाती है तो पुरस्कार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.

पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं. यह पुरस्‍कार भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भारतीय नागरिकों को उनके असाधारण कार्यों के लिए दिए जाते हैं. पद्म पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1954 में की गई थी, जिसके बाद वर्ष 1978 और 1979 और वर्ष 1993 से 1997 के बीच संक्षिप्त रुकावटों को छोड़कर हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा की जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि तीनों पुरस्‍कारों में क्‍या अंतर है यह पुरस्‍कार पाने के कौन काबिल है.

किसकी सिफारिश पर मिलता है पुरस्कार
इन पुरस्कारों की सिफारिश राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन, केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों के साथ-साथ उत्कृष्ट संस्थानों द्वारा की जाती है. आप खुद भी इस पुरस्‍कार के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद एक कमेटी इन नामों पर विचार करती है. पुरस्कार समिति जब एक बार सिफारिश कर देती है, तो फिर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति इस पर अपना अप्रूवल देते हैं और इसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन सम्मानों की घोषणा की जाती है.

पद्म विभूषण
यह पद्म पुरस्कारों में सर्वोच्च होता है. भारत रत्न के बाद यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में असाधारण और उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है. इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं. इस सम्मान में पुरस्कार के रूप में 1-3/16 इंच का कांसे का एक बिल्ला मिलता है, जिसके केंद्र में एक कमल का फूल होता है. इस फूल के ऊपर और नीचे पद्म विभूषण देवनागरी लिपि में लिखा होता है. वहीं इस बिल्ले के पिछले हिस्से में अशोक चिन्ह बना होता है. 

पद्म भूषण
पद्म पुरस्‍कारों में पद्म भूषण दूसरा सबसे बड़ा पुरस्‍कार होता है. साथ ही यह भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है. यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय तथा उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा करने के लिए दिया जाता है. इस सम्मान में कांसे का बिल्ला दिया जाता है. इसका डिजाइन भी वहीं होता है, बस कमल के फूल के ऊपर नीचे पद्मभूषण लिखा होता है. 

पद्मश्री
यह पद्म पुरस्कारों में तीसरा और भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है. यह  पुरस्कार जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. इसका डिजाइन भी एक समान होता है. इसमें फूल के ऊपर नीचे पद्मश्री लिखा रहता है. 

बता दें कि सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 9 जून तक प्रवर्तन निदेशालय ED की हिरासत में हैं. जैन पर आरोप है कि जैन से फरवरी 2015 से मार्च 2017 के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री थे तो उस दौरान उन्होंने आय से अधिक संपत्ति बनाई और 4.81 करोड़ हवाला और शैल कंपनी के जरिए Akinchan Developers Pvt Ltd, Paryas Infosolution Pvt Ltd, Mangalayatan Projects Pvt Ltd और J J Ideal Estate कंपनियों में निवेश किया. ये सभी कंपनियां दिल्ली के पतों पर हैं और इन्हें सत्येंद्र जैन संभालते थे.

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