Delhi Budget 2024: दिल्लीवासियों की उम्मीदों पर लगा विराम, 1 मार्च तक लटका दिल्ली बजट
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Delhi Budget 2024: दिल्लीवासियों की उम्मीदों पर लगा विराम, 1 मार्च तक लटका दिल्ली बजट

Delhi Budget 2024: इस बार दिल्लीवासियों की बजट के तारीख को लेकर थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. इस बार का बजट 25 फरवरी या इसके बाद जारी किया जा सकता है. 20 फरवरी तक चलने वाला बजट सत्र 1 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

Delhi Budget 2024: दिल्लीवासियों की उम्मीदों पर लगा विराम, 1 मार्च तक लटका दिल्ली बजट

Delhi Budget 2024: दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र से शुरू होने जा रहा है. पहले दिन की कार्यवाही को एक घंटे बाद ही स्थगिक कर दिया गया. इसके बाद 16 फरवरी, 2024 को दोपहर 11 बजे से दोबारा सत्र की शुरुआत होगी. इस बार दिल्लीवासियों की बजट के तारीख को लेकर थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने सदन को बताया कि इसमें थोड़ा देरी हो सकती है. बजट 25 फरवरी या इसके बाद जारी किया जा सकता है. ऐसे में 20 फरवरी तक चलने वाले बजट सत्र को 1 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है. गृह मंत्रालय से अनुमति के बाद ही इसे दिल्ली विधानसभा में पेश किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा जो बजट बनाने का प्रोसेस है वह कुछ कारण से उसमें देरी हुई. कल रात को एलजी साहब द्वारा वह पास होकर आया है. आज उसे गृह मंत्रालय में राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा, जिसमें कम से कम 10 दिन का समय चाहिए होता है. निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि वह कब वापस आएगा, लेकिन 25 तारीख से पहले विधानसभा के पटल पर बजट को रख पाना मुश्किल होगा. उसके बाद ही बजट पर चर्चा शुरू हो पाएगी. इसलिए आज यह प्रस्ताव रखा गया कि मार्च के पहले हफ्ते तक इस सत्र को बढ़ा दिया जाए.

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इस बजट सत्र में कई और महत्वपूर्ण प्रस्ताव होते हैं उसमें कई चीजें रखी जाती हैं. यह सब डाक्यूमेंट्स भी रखे जाएंगे, क्योंकि दिल्ली विधानसभा में राष्ट्रपति की स्वीकृति के पहले सदन में बजट नहीं रखा जा सकता. इसलिए वह 25-26 तारीख से पहले टेबल नहीं हो पाएगा. इसी लिए सत्र को बढ़ाने की बात सदन में हमने रखी, जिसे स्पीकर साहब ने मंजूरी दी है. इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत हम करते हैं. यह पारदर्शिता के लिए बहुत जरूरी था.

वरना इलेक्टोरल बॉन्ड एक तरीका बन गया था, जिसके माध्यम से यह पता नहीं चल रहा था कि कौन व्यक्ति किस पॉलिटिकल पार्टी को फाइनेंस कर रहा है. इस देश के लोकतंत्र के लिए पारदर्शिता का होना बहुत जरूरी है कि किसी राजनीतिक दल को कितना पैसा कौन लोग दे रहा हैं. यह मतदाता को जानना जरूरी. बहुत खुशी की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को तुरंत प्रभाव से कहा है कि किस पार्टी को कितने इलेक्टोरल बॉन्ड मिले उसको पब्लिक के सामने सार्वजनिक किया जाए.

(इनपुटः बलराम पांडेय)