Delhi News: अनदेखी ने ऐतिहासिक कोरोनेशन पार्क को बना डाला Reel स्पॉट, 112 साल पुराने इतिहास से अछूती है नई पीढ़ी
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Delhi News: अनदेखी ने ऐतिहासिक कोरोनेशन पार्क को बना डाला Reel स्पॉट, 112 साल पुराने इतिहास से अछूती है नई पीढ़ी

12 दिसंबर 1911 को अंग्रेजों ने दिल्ली के कोरोनेशनल पार्क से ही दिल्ली को देश की राजधानी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन दिल्लीवासियों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. इसके पीछे उनका तर्क ये है कि पार्क में 12 दिसंबर को कोई बड़े आयोजन न होने की वजह से लोगों को इसकी ऐतिहासिकता के बारे में जानकारी ही नहीं है. 

 

 

Delhi News: अनदेखी ने ऐतिहासिक कोरोनेशन पार्क को बना डाला Reel स्पॉट, 112 साल पुराने इतिहास से अछूती है नई पीढ़ी

Delhi News: दिल्ली के निवासियों के लिए आज बहुत ही खुशी भरा दिन है, क्योंकि आज राजधानी दिल्ली की सालगिरह है. आज के दिन ब्रिटिश राज में भारत की राजधानी कलकत्ता को निरस्त कर दिल्ली को बनाया गया था.  इस अवसर पर एक शाही अंदाज में बुराड़ी निरंकारी ग्राउंड से सटा कोरोनेशन पार्क में दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित कर इनॉगरेशन किया गया था.  ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम का राजतिलक भी इसी कोरोनेशन पार्क में हुआ था. आज भी इस कोरोनानेशन पार्क में ब्रिटिश शासन राजाओं की प्रतिमाएं लगी हुईं हैं, यह दर्शाती है कि दिल्ली को कौन सी सदी में भारत की राजधानी घोषित किया गया था. 

कोरोनेशन पार्क का क्या है इतिहास 
आज सभी देशवासियों के लिए बहुत महत्व और खुशी भरा दिन है, क्योंकि आज राजधानी दिल्ली की सालगिरह है.  यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी. आपको बता दें कोरोनेशन पार्क का अपना एक ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि तीसरा दिल्ली दरबार इसी स्थान पर आयोजित किया गया था. जहां किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी को 12 दिसंबर 1911 के दिन भारत के सम्राट और महारानी के रूप में राज्याभिषेक किया गया था. इसी दिन ब्रिटिश सम्राट ने राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण करने की घोषणा की थी. आज भी यहां पर किंग जॉर्ज पंचम और चार वायसराय-लॉर्ड हार्डिंग, लॉर्ड विलिंगडन, लॉर्ड इरविन और लॉर्ड चेम्सफोर्ड की संगमरमर से बनी भव्य प्रतिमाएं भी बनी हुई है. यह पार्क फिलहाल DDA के तहत आने वाला कोरोनेशन पार्क बुराड़ी मैदान के पास में स्थित है. कोरोनेशन पार्क देखने में एक मामूली पार्क लगता है, लेकिन पुराना इतिहास उठाकर देखें तो यह राजधानी दिल्ली के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पार्क है, जिसका इतिहास बहुत ही कम लोगों को मालूम है. 

पहले इंडिया गेट पर हुआ करती थी प्रतिमा
आपको बता दे कोरोनेशनल पार्क में लगी प्रतिमा पहले इंडिया गेट पर हुआ करती थी.  इसका उद्देश्य इंडिया गेट के सामने एक ऐसे प्रतीक को जिंदा रखना था, जिससे ब्रिटिश की महानता दिखाकर भारत के लोगों को गुलामी का एहसास कराना था. इंडिया गेट पर 1938 से 1968 तक जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी थी. इसके बाद इसे कोरोनेशन पार्क में शिफ्ट कर दिया गया. फिलहाल कोरोनेशन पार्क एक ऐतिहासिक पार्क है जब भी ब्रिटेन में जोर्ज पंचम से जुड़ा ऐतिहासिक दिवस मनाया जाता है, तो दिल्ली के बुराड़ी निरंकारी ग्राउंड में बने इस कोरोनेशन पार्क का जिक्र जरूर किया जाता है. जानकारी के मुताबिक भारत की राजधानी नई दिल्ली बनने से पहले, कोलकाता 1911 तक देश की राजधानी थी. हालाँकि, दिल्ली कई साम्राज्यों का वित्तीय और राजनीतिक केंद्र भी था. जिन्होंने पहले भारत पर शासन किया था. इसके कुछ बेहतरीन उदाहरण दिल्ली सल्तनत के शासनकाल के साथ-साथ मुगलों के शासनकाल 1649-1857  हैं. भारत में अंग्रेजों के आने के बाद कई चीजें बदल गईं. 1900 के शुरुआती दौर में ब्रिटिश प्रशासन ने ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बारे में सोचा था.

किंग्सवे कैंप की आधारशिला कब रखी गई थी
राजधानी स्थानांतरित करने के लिए जिन मुख्य कारणों को बताया गया था. उनमें से एक दिल्ली का स्थान यानी लोकेशन था. कलकत्ता देश के पूर्वी तटीय भाग में स्थित था, जबकि दिल्ली उत्तरी भाग में स्थित था. भारत की ब्रिटिश सरकार के अनुसार दिल्ली से भारत पर शासन करना आसान और अधिक सुविधाजनक था. इस प्रस्ताव को ब्रिटिश राज ने स्वीकार कर लिया था और फिर 12 दिसंबर 1911 को दिल्ली दरबार में भारत के तत्कालीन शासक जॉर्ज पंचम ने क्वीन मैरी के साथ घोषणा कि की भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी जाएगी. घोषणा के साथ ही, कोरोनेशन पार्क , किंग्सवे कैंप की आधारशिला भी रखी गई थी. यह वायसराय का निवास स्थान था. आज इस ऐतिहासिक कोरोनेशनल पार्क को दिल्ली का नेशनल मेमोरियल के रूप में भी देखा जाता है.जिसमें हर रोज सैकड़ो सैलानी घूमने आते हैं.

वहां पहुंचे कुछ युवाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस इतिहास के बारे में पूरे कोरोनेशन पार्क में कहीं कुछ नहीं लिखा है. इस बात से वह मायूस थे उन्हें जानकारी जुटाना के लिए गूगल सर्च करना पड़ा.  इसके बाद उन्हें यह जानकारी मिली कि यही वह जगह है जहां से दिल्ली को देश की राजधानी घोषित किया गया था.  कुछ युवाओं ने यह भी कहा कि न सिर्फ कोरोनेशनल पार्क में उस इतिहास के बारे में लिखा होना चाहिए, बल्कि कम से कम आज यानी 12 दिसंबर के दिन कुछ ऐसे कार्यक्रमों का भी आयोजन होना चाहिए जिससे युवाओं को और यहां आने वाले लोगों को इस महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में जानकारी मिले.  हमारे देश के राजनेता सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि सभी इस इतिहास के बारे में लोगों को बताना तो दूर ऐसा सोच भी नहीं रहे हैं. 

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53 एकड़ एकड़ में फैला है पार्क 
कोरोनेशनल पार्क करीब 53 एकड़ एकड़ में फैला हुआ है. इस पार्क में एक सुंदर झील, हरे भरे पेड़ पौधे और फूलदार पौधे लगे हुए हैं.  वहीं इस पार्क का रखरखाव दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से किया जाता है. यहां सैकड़ों लोग हर रोज घूमने के लिए जाते हैं. वहां लोग जाकर ब्रिटिश काल के शासन से जुड़ा हुआ इतिहास खंगालते हैं.  फिलहाल इस पार्क को ऐतिहासिक पार्क कहा जाता है और यह पर आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है. 

Input- Nasim Ahmad

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