Delhi Wrestler Protest News: दिल्ली महिला आयोग ने महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने पर आईपीसी की* धारा 166A की उपधारा (सी) के तहत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की.
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Delhi Wrestler Protest: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में एफआईआर दर्ज करने में विफल रहने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 166ए (सी) के तहत एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है. दिल्ली महिला आयोग को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत प्राप्त हुई है. शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध में शामिल हैं.
शिकायतकर्ता ने पुलिस शिकायत दर्ज कराने के बाद पीड़िताओं और उनके परिवारों को मिल रही धमकियों के बारे में भी आयोग को सूचित किया था. आयोग द्वारा प्राप्त शिकायत को दिल्ली पुलिस को भी भेजा गया था. मगर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. आयोग को महिला पहलवानों से एक नई शिकायत मिली है जिसमें उन्होंने दो व्यक्तियों, एक द्रोणाचार्य अवार्डी कोच और हरियाणा कुश्ती संघ के महासचिव पर कुछ पीड़िताओं और उनके परिवारों को कथित रूप से धमकी भरे कॉल करने का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ताओं की पहचान दिल्ली पुलिस द्वारा लीक की गई है क्योंकि उन्हें दिल्ली पुलिस के पास शिकायत दर्ज करने के बाद से ही धमकी भरे फोन कॉल आ रहे हैं. उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है.
आयोग ने पाया है कि दिल्ली पुलिस 5 दिन से अधिक समय बीत जाने के बावजूद आज तक मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रही है. पुलिस उन शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी विफल रही है, जो एक प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ न्याय के लिए अकेले संघर्ष कर रहे है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने शिकायत करने वाली लड़कियों की पहचान कथित रूप से लीक होने के तरीके और लड़कियों को धमकाए जाने के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है.
आयोग ने धारा 166 ए उपधारा (सी) का उल्लेख किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई लोक सेवक दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 154 की उपधारा (1) के अधीन कई धाराओं के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराध के संबंध में या धारा 509 तहत दंडनीय संज्ञेय अपराध के संबंध में उसे दी गई किसी भी जानकारी को रिकॉर्ड करने में विफल रहता है, तो उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह महीने से कम नहीं होगी, लेकिन जो दो साल तक हो सकती है, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की सिफारिश की है. आयोग ने पीड़ितों और उनके परिवारों द्वारा प्राप्त धमकी भरे कॉल के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की भी सिफारिश की है. आयोग ने कहा है कि दिल्ली पुलिस और खेल मंत्रालय के अधिकारियों सहित आरोपी व्यक्तियों को निलंबित किया जाना चाहिए और उचित जांच होनी चाहिए. आयोग ने दिल्ली पुलिस से पीड़िताओं और उनके परिवारों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है. इसके अलावा, आयोग अध्यक्ष ने एक नाबालिग लड़की सहित महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 166 ए खंड (सी) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की है.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “शिकायतकर्ताओं (जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है) द्वारा यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बावजूद दिल्ली पुलिस वर्तमान मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रही है. दिल्ली पुलिस इस मामले में तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और पीड़िताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून के अनुसार कर्तव्यबद्ध है. ऐसा करने में विफल रहने पर, दिल्ली पुलिस जानबूझकर न्याय को विफल करने और पीड़िताओं की सुरक्षा से समझौता करती दिखाई देगी. मामले में तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.