Rohtak PGI MBBS Exam Scam: वर्तमान में एमबीबीएस के 2021 और 2022 बैच की परीक्षाएं चल रही हैं, जबकि 2020 बैच की परीक्षाओं की तैयारियां हो रही हैं. परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना अब प्रशासन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
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Rohtak PG: हरियाणा में एमबीबीएस (MBBS) परीक्षा में हुए घोटाले ने शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, राज्य सीआईडी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (UHS) ने परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं.
छात्र की शिकायत से हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह मामला तब उजागर हुआ जब एक छात्र ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को परीक्षा में गड़बड़ी की जानकारी दी. शिकायत में बताया गया कि कुछ कर्मचारियों ने छात्रों से परीक्षा पास कराने के बदले 3 से 5 लाख रुपए तक की मांग की थी. इस शिकायत के आधार पर तुरंत जांच कमेटी का गठन किया गया. कमेटी को एक महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जांच के दौरान पाया गया कि निजी कॉलेजों के शिक्षक परीक्षा के दौरान पर्यवेक्षक के रूप में कार्य कर रहे थे, जिससे अनियमितताओं की संभावना बढ़ गई थी. इसे रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तीन निजी कॉलेजों के परीक्षा केंद्र बदलने का निर्णय लिया है. इस कदम का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है.
सस्पेंशन और कार्रवाई
साथ ही घोटाले के बाद अब तक दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है, जबकि तीन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई है. PGIMS के जनसंपर्क अधिकारी वरुण अरोड़ा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की गई. विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
घोटाले का प्रभाव
वर्तमान में एमबीबीएस के 2021 और 2022 बैच की परीक्षाएं चल रही हैं, जबकि 2020 बैच की परीक्षा की तैयारियां जारी हैं. परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाना अब प्रशासन के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
भविष्य की योजना
विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा प्रणाली को अधिक सुदृढ़ और निष्पक्ष बनाने के लिए लंबे समय तक चलने वाली नीतियों को लागू करने की योजना बनाई है. इसके तहत पर्यवेक्षकों की नियुक्ति बाहरी विशेषज्ञों से करने और परीक्षा केंद्रों पर सख्त निगरानी रखने की सिफारिश की गई है. यह घोटाला शिक्षा जगत के लिए एक चेतावनी है कि पारदर्शिता और नैतिकता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं.
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