Covid 19 Vaccinne: सरकार ने भारत बायोटेक द्वारा निर्मित नेजल वैक्सीन incovacc को देश में बूस्टर डोज के लिए मंजूरी दे दी है. साथ ही इसकी कीमत भी तय कर ली गई है जो कि अगले महीने से उपलब्ध हो जाएगी.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona Virus) की बीमारी से लड़ने के लिए सरकार ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की नेजल वैक्सीन iNNOVACC को बूस्टर डोज के तौर पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया है. जल्द ही CoWin प्लेटफार्म के जरिये इस इंटरनेशल वैक्सीन को लोग बुक करा सकेंगे.इसकी कीमत भी अब तय कर ली हआ है. इंट्रा नेजल यानी कि नाक के जरिये ड्रॉप डालकर इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर दिया जा सकेगा. 18 साल से ऊपर लोग जिनको बूस्टर डोज नहीं लगा है वह इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं. इस वैक्सीन का वैज्ञानिक नाम BBV154 है. बाद में भारत बायोटेक ने इसे iNCOVACC नाम दिया.
जनवरी के अंत तक होगी उपलब्ध Vaccine
भारत सरकार के अनुसार प्राइवेट अस्पतालों में इसकी एक डोज की कीमत 800 रुपये होगी. सरकारी सेंटरों पर यह 325 रुपये में मिलेगी. इंट्रानेजल वैक्सीन को पहले कोवाक्सीन (Covaxin) या कोविशील्ड (Covishield) के साथ पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों के लिए बूस्टर शॉट के रूप में मंजूरी मिली थी. रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी के अंत तक ये उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली है.
हेटेरोलोगस बूस्टर डोज के ट्रायल 875 लोगों पर हुए और भारत की 9 जगहों पर ये ट्रायल किए गए. दोनों स्टडी में प्रतिभागियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई. हेटेरोलोगस बूस्टर डोज यानी ऐसी वैक्सीन जो कोवैक्सीन और कोवीशील्ड लगवा चुके लोग भी लगवा सकेंगे. शुरुआती नतीजों के मुताबिक नाक से दी जाने वाली ये वैक्सीन रेस्पिरेटरी सिस्टम यानी श्वास नली और फेफड़ों में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीब़ॉडीज़ पैदा कर सकती है, जिससे इंफेक्शन घटता है और संक्रमण होने की क्षमता घट जाती है.
इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और व़़ॉशिंगटन यूनिवर्सिटी सेंट् लुईस के साथ मिलकर बनाया है. भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने कोविड सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इस वैक्सीन के लिए आंशिक फंडिंग की है. भारत बायोटेक की ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा इल्ला ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि नाक से दी जाने वाली पहली कोरोना वैक्सीन का विकसित होना किफायती कदम है. ये वैक्सीन भी 2 से 8 डिग्री के तापमान पर स्टोरी की जा सकेगी. इसे बनाने का काम गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र के प्लांट्स में किया जाएगा. डोज की वैक्सीन 28 दिनों के अंतर पर नाक से दी जाएगी.