Charkhi Dadri News: रामलवास गांव में अवैध खनन और जलदोहन से हवा में जहर घुल रहा है. पेयजल की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों का आरोप कि प्रशासन और सरकार खनन कंपनी से मिली है और इसलिए ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.
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Haryana News in Hindi: चरखी दादरी के गांव रामलवास में पहाड़ों पर वर्षों से हो रहा अवैध खनन और जलदोहन ग्रामीणों के लिए नासूर बन चुका है. पहाड़ों पर लगातार ब्लास्टिंग से गांव की फिजा में जहर खुल चुका है. गांव व आसपास के डार्क जोन में खेती के साथ पेयजल भी खराब हो गया है. घरों में पानी की किल्लत से ग्रामीण जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा. सरकार उनकी ओर ध्यान दे, इसके लिए गांवों वालों ने विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार कर दिया पर कोई फायदा नहीं मिला. ग्रामीण दो माह से अनिश्चितकालीन धरने पर ग्रामीण बैठे हैं, लेकिन जैसे हम प्रशासन और नायब सरकार के लिए हैं ही नहीं.
उन्होंने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अब बेबस ग्रामीण समस्या के समाधान के लिए मर मिटने को तैयार हैं. जब माइनिंग कंपनी के ठेकेदार नरेंद्र सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया और कहा कि कुछ ग्रामीण अपने स्वार्थ के लिए धरना दे रहे हैं.
देखें वीडियो: रामलवास में किसकी शह पर हो रहा अवैध खनन, महिला ने बयां किया दर्द
जिला पार्षद अनुवीर यादव, धर्मपाल सिंह, अतर सिंह नंबरदार, सुनीता यादव व संतोष ने बताया कि माइनिंग कंपनियों की हठधर्मिता का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. बार-बार प्रशासन व सरकार को अवगत कराने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है. जमीन से 300 फीट नीचे तक अवैध खनन कर जमीनी पानी को जहर बना दिया है.
दरअसल चरखी दादरी के गांव रामलवास की पहाड़ियों में माइनिंग कंपनी अवैध रूप से जल दोहन और पत्थर खनन में लगी हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जमीन से करीब 300 फीट नीचे तक ब्लास्टिंग कर खुदाई कर जल दोहन किया जा रहा है. इसका असर आसपास के कई गांवों में पहुंच गया है. घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है. ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में करीब 50 गांवों के भूजल स्तर पर इसका गंभीर असर पड़ेगा. सुनीता यादव नाम की महिला ने बताया कि करीब 10 साल पहले कंपनी को टेंडर मिला था लेकिन अब तय लेवल से ज्यादा खनन किया जा रहा है.
घरों में पानी नहीं और सांस लेना हुआ दूभर
उन्होंने कहा कि खनन की वजह से सांस लेना मुश्किल हो गया है. कुएं बंद हो गए हैं. घरों में पानी नहीं है. पानी में जहर घुल गया है. क्या करेंगे रोडो और बिल्डिंगों का, जब हमारे बच्चे ही नहीं बचेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार की आंखें नहीं खुलेंगी और प्रशासन सुनवाई नहीं करता, तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे, चाहे इसके लिए मरना क्यों न पड़े. मरना तो वैसे ही है. जिनके पास रोजगार है वो तो चले भी जाएं पर गरीब जाए तो जाए कहां?
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हमारे हालत तो बद से बदतर हो गए हैं. हमारे बच्चों का तो सर्वनाश होने वाला है और ये सरकार करवा रही है. वहीं धर्मपाल ने सरकार और प्रशासन पर कंपनी से मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डीसी से भी मिले पर कुछ नहीं हुआ. सुनवाई न होने से नाराज कि ठेकेदार का सत्यानाश जाए. वे चाहते हैं कि सरकार उनकी बात पर गौर करे.
इनपुट: पुष्पेंद्र कुमार