Chandigarh MMS मामले में आरोपियों से 7 घंटे में 150 सवाल, फिर भी संतुष्ट नहीं SIT, फॉरेंसिक रिपोर्ट भी नहीं मिली
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Chandigarh MMS मामले में आरोपियों से 7 घंटे में 150 सवाल, फिर भी संतुष्ट नहीं SIT, फॉरेंसिक रिपोर्ट भी नहीं मिली

Chandigarh University MMS News चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मामले में SIT ने तीनों आरोपियों से कल 7 घंटे तक पूछताछ की. मुख्य आरोपी लड़की से अकेले 3 घंटे पूछताछ की गई, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. SIT को फॉरेंसिक रिपोर्ट भी नहीं मिली है, जिससे जांच में देरी हो रही है.

Chandigarh MMS मामले में आरोपियों से 7 घंटे में 150 सवाल, फिर भी संतुष्ट नहीं SIT, फॉरेंसिक रिपोर्ट भी नहीं मिली

चंडीगढ़: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हुए एमएमएस कांड (Chandigarh University News) की जांच एसआईटी कर रही है. लेकिन इस पूरी जांच प्रक्रिया में फॉरेंसिक की डिटेल रिपोर्ट न आने से देरी हो रही है. एसआईटी ने सभी आरोपियों से डिटेल में पूछताछ की. आरोपी लड़की और बाकी दो लोगों से लगभग 3 घंटे पूछताछ हुई. इन तीनों से पूछताछ में लगभग डेढ़ सौ सवाल पूछे गए. इनमें से 5 सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब अभी भी एसआईटी को नहीं मिले हैं. और न ही पुलिस को मिले थे.

SIT ने क्या-क्या सवाल पूछे?
1. लड़कियों के वीडियो बनाने का असली मकसद आरोपी लड़की का क्या था?
2. हॉस्टल में आरोपी छात्रा वीडियो को किस तरह से शूट करती थी उसकी मॉडेस ऑपरेंडिस क्या थी?
3. आरोपी छात्रा के दोनों साथी पंकज और सनी मेहता इतने सारे वीडियो का क्या करते थे?
4. क्या लड़कियों की यह वीडियो आगे किसी को भेजे जाते थे?
5. अगर हां तो किसको भेजे जाते थे यह आपत्तिजनक वीडियो?
6. क्या यह लोग किसी बड़े रैकेट से जुड़े हुए हैं?
7. क्या इन लोगों का और भी चंडीगढ़ एवं पंजाब के कॉलेजों में कोई नेटवर्क है?
8. क्या इस आरोपी छात्रा की तरह अन्य संस्थानों में भी इनकी कोई टीम काम कर रही है?
9. अगर हां तो क्या यह छात्राएं दबाव के साथ-साथ पैसे के लिए काम कर रही हैं या फिर इनका कोई अन्य मकसद है?
10. क्या इन आरोपियों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग संस्थानों में मासूम छात्राओं ब्लैकमेल किया जा रहा है?
11. क्या अन्य क्षेत्रों के संस्थानों में इनके खिलाफ कोई मामला या फिर अनौपचारिक शिकायत दर्ज की गई है?
12. क्या आरोपी छात्रा को कॉलेज के अंदर से ही मदद मिल रही थी?
13. क्या संस्थानों में आरोपियों के अपने लोग कार्यरत हैं जो इनकी मदद कर रहे हैं?
14. क्या इनका कोई अपना सोशल मीडिया साइट जिस पर यह लोग आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करते हैं?
15. क्या आरोपियों का मकसद इन आपत्तिजनक वीडियोस के जरिए सिर्फ पैसा कमाना ही है?
16. 3 घंटे आरोपी लड़की से की गई पूछताछ में आरोपियों से जुड़े लोगों का रोल क्या है?
17. इस संस्थान के डिपार्टमेंट्स और हॉस्टल के लोगों का भी कोई संपर्क इन लोगों से है?
18. जो मोहित नाम का शख्स इस मामले में जुड़ता हुआ नजर आ रहा है, उसका चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से क्या लेना देना है?
19. क्या यह आरोप सही हैं जिस समय छात्रा अपने साथियों को नग्न वीडियोस की फाइल्स भेज रही थी, तब कोई मोहित नाम का शख्स उससे चैटिंग कर रहा था?
20. क्या अभी तक पुलिस द्वारा ली गई जानकारियों या पूछताछ में कई और लड़के-लड़कियों के नाम भी सामने आए हैं?
21 क्या ऐसे लोगों को आईडेंटिफाई किया गया है जिन्हें पूछताछ में शामिल किया जा सकता है?
22. क्या पुलिस इस मामले में मुख्य आरोपी पहुंच पाई है?
23. क्या वाकई छात्राओं का एक बड़ा नेक्सस पंजाब और उसके आसपास क्षेत्र में फैला हुआ है?
24. क्या इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोई और है जो कि इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद बच रहा है?
25. क्या छात्रा का मोबाइल, लैपटॉप में छुपे डेटा से बड़ा खुलासा हो सकता है?
26 वीडियो बनाने का असली मकसद क्या पंजाब, गुजरात, मुम्बई की किसी इंडस्ट्री से जुड़ना था?
27. क्या इन एमएमएस कांड के आरोपियों का इतना नेटवर्क संस्थान में ही है कि यह बच निकलेंगे?
28. पुलिस के पास जो डाटा अभी तक रिकवर हुआ है क्या वह परत दर परत की सारी उलझन इस मामले में ठीक कर पाएगा?
29. तीनों आरोपियों के बयान अलग तो असल गुनहगार कौन?
30. आरोपियों से पूछे गए डेढ़ सौ सवालों में 7 घंटों में क्या तफ्तीश पूरी नहीं हो पाई?
31. क्या आरोपियों की इन्वेस्टिगेशन में दी गई जानकारियां मैन्यूपलेट करके दी गई हैं?

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7 घंटे में 150 सवाल पूछे
आपको बता दें कि इन सभी अहम सवालों के बीच आरोपियों से लगभग 7 घंटे चली पूछताछ में 150 सवाल पूछे गए. 7 घंटे में से लगभग 3 घंटे तक बंद कमरे में अकेले लड़की से पूछताछ चली. पूरी पूछताछ की वीडियोग्राफी की जा रही है ताकि जरूरत पड़ने पर उसे कोर्ट में पेश किया जा सके. 

सबसे ज्यादा किससे बात करती थी लड़की, इसकी भी जांच
अब आप को समझाते हैं कि किस तरह से पहले इस पूरे मामले में क्या-क्या नई चीजें निकल कर सामने आएंगी. इसीलिए एसआईटी (SIT) इस पूरे नेक्सस को समझने की कोशिश कर रही है. अभी तक की जांच में एसआईटी के अधिकारी तीनों आरोपियों के मोबाइल कॉल्स की डिटेल भी निकलवा रहे हैं. तीनों की जिन नंबरों पर रेगुलरली सबसे ज्यादा बातचीत होती थी, उन्हें भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है.

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टाइम बाउंड इंक्वॉयरी नहीं
सूत्रों के मुताबिक मोहाली की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में छात्राओं के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें वायरल करने से जुड़े मामले में पंजाब पुलिस की जांच काफी धीमी चल रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक यह जांच स्लो मोशन में इसलिए है कि फॉरेंसिक की डिटेल रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली में है. यूं तो पंजाब सरकार ने इस मामले की इन्वेस्टिगेशन के लिए तीन सीनियर अफसरों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है, मगर इसकी इंक्वॉयरी को टाइम बाउंड नहीं किया गया. ऐसे में केस की फैक्ट फाइंडिंग इन्वेस्टिगेशन टाइमलेस तरीके से आगे बढ़ेगी.

बिना एविडेंस आगे नहीं बढ़ पाएगी जांच
आपको बता दें कि केस से जुड़े पुलिस अफसर खुद कह रहे हैं कि उन्हें फिलहाल फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. साथ ही छात्राओं की वीडियो वायरल होने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म से जानकारी हासिल की जानी है. जब तक फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स और संबंधित डिजीटल प्लेटफॉर्म से एविडेंस नहीं कलेक्ट नहीं होते, तब तक पुलिस इन्वेस्टिगेशन मौजूदा स्थिति से आगे नहीं बढ़ सकेगी.