Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अवगुणी संतान को पूरे कुल के लिए जंगल में सूखे पेड़ में लगने वाली आग की तरह खतरनाक बताया है, जो सबको जलाकर राख कर देता है.
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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य विद्वान होने के साथ ही महान शिक्षक भी थे, उनके द्वारा बताई गई नीतियों को अपनाकर जीवन में सफलता पाई जा सकती है. आचार्य चाणक्य ने विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की थी. चाणक्य नीति में पैसा, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन, समाज और जीवन में सफलता से जुड़ी चीजों के बारे में जानकारी दी गई है. अगर कोई भी व्यक्ति इन बातों को अपने जीवन में अपना ले, तो वह सफतला के नए मुकाम हासिल कर सकता है.
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में संतान को लेकर कुछ बड़ी बातें कहीं हैं, इसमें चाणक्य ने बताया है कि कैसे एक संतान कुल के नाम को रौशन कर सकती है और बर्बाद भी कर सकती है. चाणक्य ने अपने श्लोक में अवगुणी संतान की तुलना जंगल के उस सूखे पेड़ से की है जो आग लगने पर सारे जंगल को जला देता है.
एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वह्निना।
दह्यते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं तथा।।
आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोक में अवगुणी संतान के बारे में बताया है, चाणक्य ने ऐसे संतान की तुलना जंगल के उस सूखे पेड़ से ही जिसमें आग लगने पर वह पूरे जंगल को जला कर राख कर देता है. ठीक इसी प्रकार एक अवगुणी संतान पूरे कुल के मान-सम्मान को खत्म कर देता है.
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एकेनाऽपि सुपुत्रेण विद्यायुक्तेन साधुना।
आह्लादितं कुलं सर्वं यथा चन्द्रेण शर्वरी।।
आचार्य चाणक्य के अनुसार कई अयोग्य संतान से एक योग्य संतान का होना ज्यादा बेहतर होता है,वो अपने साथ अपने कुल का मान-सम्मान भी बढ़ाता है. ठीक उसी तरह जैसे काली अंधेरी रात में एक चांद ही अंधरे को दूर करने के लिए काफी होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE MEDIA इसकी पुष्टि नहीं करता है.)