Arvind Kejriwal Arrest: PMLA के तहत हुई CM केजरीवाल की गिरफ्तारी, जानें इसमें जमानत को लेकर क्या हैं प्रावधान
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Arvind Kejriwal Arrest: PMLA के तहत हुई CM केजरीवाल की गिरफ्तारी, जानें इसमें जमानत को लेकर क्या हैं प्रावधान

Preventiom Of Money Laundering Act: CM केजरीवाल को PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया है, जानते हैं PMLA क्या है और इसमें आसानी से जमानत क्यों नहीं मिलती.

Arvind Kejriwal Arrest: PMLA के तहत हुई CM केजरीवाल की गिरफ्तारी, जानें इसमें जमानत को लेकर क्या हैं प्रावधान

Arvind Kejriwal Arrest: राजधानी दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में ED ने बड़ा एक्शन लिया है. गुरुवार रात इस मामले में ED ने दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को गिफ्तार कर लिया. CM केजरीवाल से पहले ED ने इस मामले में 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं CM केजरीवाल सहित ये AAP के तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी है. इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह इस मामले में जेल में हैं. CM केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया है, जहां ED द्वारा 10 दिन की रिमांड की मांग की जा रही है. इस मामले में सुनवाई जारी है. CM केजरीवाल को PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया है, जानते हैं PMLA क्या है और इसमें आसानी से जमानत क्यों नहीं मिलती.

PMLA क्या है ?
धन शोधन निवारण अधिनियम (Preventiom Of Money Laundering Act)  को साल 2002 में लाया गया और 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था. इस अधिनियम में साल 2005, 2009 और 2012 में संसोधन भी किए गए. इसका मुख्य उद्देश्य  मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना और लूटे गए धन संपत्ति को जब्त करना है. 

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PMLA के तहत हुई सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी
PMLA के तहत किसी भी आरोपी को आसानी से जमानत नहीं मिलती है. इससे पहले मनीष सिसोदिया को इसी के तहत गिरफ्तार किया गया था, जो एक साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. शराब घोटाला मामले में सांसद संजय सिंह और के कविता को भी PMLA के तहत ही गिरफ्तार किया गया है. 

PMLA के तहत अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हैं
PMLA की  धारा 45 इस एक्ट को और ज्यादा सख्त बनाती है. PMLA की धारा 45 में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है. इसमें सारे अपराध संज्ञेय और गैर जमानती हैं. इस एक्ट के तहत गिरफ्तार आरोपी को खुद अपनी बेगुनाही साबित करनी होती है. 

PMLA के तहत सजा
PMLA के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को 3-7 साल की सजा का प्रावधान है. वहीं मादक दवाओं से संबंधित अपराध में अधिकतम 7 साल की जगह 10 साल की सजा हो सकती है.