अनिल विज का तंज, अध्यक्ष नहीं बल्कि गांधी परिवार का अगला रिमोट कौन होगा, इसका चुनाव
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अनिल विज का तंज, अध्यक्ष नहीं बल्कि गांधी परिवार का अगला रिमोट कौन होगा, इसका चुनाव

आज कांग्रेस के अगले अध्यक्ष का नाम सामने आ जाएगा. 17 अक्टूबर को अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई थी. आज गिनती हो रही है, शाम तक ऐलान हो जाएगा. इससे पहले हरियाणा के मंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसा है.

अनिल विज का तंज, अध्यक्ष नहीं बल्कि गांधी परिवार का अगला रिमोट कौन होगा, इसका चुनाव

नई दिल्ली: आज कांग्रेस को 24 साल बाद फिर गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष मिल जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. इस चुनाव में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राहुल, प्रियंका गांधी समेत करीब 9500 डेलीगेट्स (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) ने वोट डाले थे. सोमवार को करीब 96 प्रतिशत मतदान हुआ था. 

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने तंज कसा है. विज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज चुनाव से तय करेगी की गांधी परिवार का अब रिमोट कोन बनेगा श्रीमान शशि थरूर जी या श्रीमान मल्लिकार्जुन खड़गे जी? मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन राजनीति गलियारों में चर्चा है कि खड़गे को गांधी परिवार की नजदीकियों का लाभ मिलेगा. वहीं कुछ जानकार कह रहे हैं थरूर कड़ी टक्कर दे रहे हैं. 

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1998 से गांधी परिवार से ही कांग्रेस अध्यक्ष
आपको बता दें कि सोमवार को हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लगभग 9900 डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्यों) में से करीब 9500 मेंबर्स ने वोट दिए थे. 24 बाद ऐसा मौका है जब कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होगा. इससे पहले 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष बनी थीं. कभी वो फुल फ्लेस्ड रहीं तो कभी अंतरिम अध्यक्ष. राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं. सबसे लंबे तक अध्यक्ष पद पर रहने का रिकॉर्ड भी सोनिया गांधी के पास ही है.

कब-कब चुना गया कांग्रेस का अध्यक्ष
137 साल के कांग्रेस पार्टी के इतिहास में छठवीं बार अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ है. अब तक 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं. पूरे 22 वर्षों के बाद अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ है. 24 साल बाद गांधी परिवार के बाहर कोई नेता देश की सबसे पुरानी पार्टी का अध्यक्ष बनेगा. इससे पहले सीताराम केसरी गैर-गांधी अध्यक्ष रहे थे.

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