Ram Mandir Inauguration: मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शंकराचार्यों के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार करने पर कहा कि 'वे हिंदू धर्म में सर्वोच्च अधिकारी हैं. यह दुखद है कि वे समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं. अगर मैं सरकार में होता तो उनके पैरों पर गिरता कि उनके बिना समारोह कैसे हो सकता है.'
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Ram Mandir Inauguration: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जानी है, जिसे लेकर इन दिनों देशभर में जश्न का माहौल है. रामलला के आगमन से पहले अयोध्या में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. देश के कुछ चुनिंदा लोगों को राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा का न्योता भी दिया जा रहा है. इस बीच स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है. वहीं दो शंकराचार्यों के शामिल होने पर अब भी संशय बना हुआ है. शंकराचार्यों के इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनने से इनकार करने को दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दुखद बताया है.
क्या है पूरा मामला
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उत्तराखंड के ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहा राम मंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम धर्मग्रंथों और नियमों के विरुद्ध है. राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही प्राण-प्रतिष्ठा की जानी चाहिए.
वहीं ओडिशा के जगन्नाथपुरी के गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि मंदिर के उद्घाटन में शास्त्रों के नियमों का उल्लंघन हो रहा है. स्कंद पुराण के अनुसार, अगर नियमों और रीति-रिवाज का ठीक से पालन नहीं किया जाता है तो प्रतिमा में बुरी चीजें प्रवेश कर जाती हैं और उस क्षेत्र को नष्ट कर देती हैं. हम मंदिर का कार्य पूरा होने पर वहां जाएंगे.
वहीं दक्षिण भारत के चिकमंगलूरु स्थित शृंगेरी मठ के शंकराचार्य स्वामी भारतीकृष्णा और गुजरात के द्वारका में शारदा मठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया
दो शंकराचार्यों के राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करने पर मंत्री सौरभ भारद्वाज की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि 'सभी शंकराचार्य कह रहे हैं कि मंदिर अधूरा है, इसलिए ऐसे समय में 'प्राणप्रतिष्ठा' करना वेदों और सनातन धर्म के अनुरूप नहीं है और सही नहीं है. मुझे लगता है कि उनकी बातों का सम्मान किया जाना चाहिए. वे हिंदू धर्म में सर्वोच्च अधिकारी हैं. यह दुखद है कि वे समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं. अगर मैं सरकार में होता तो उनके पैरों पर गिरता कि उनके बिना समारोह कैसे हो सकता है.
#WATCH | On Mallikarjun Kharge, Sonia Gandhi & Adhir Ranjan Chowdhury declining the invitation to 'pranpratishtha' ceremony of Ram Temple in Ayodhya and BJP criticising it, Delhi minister and AAP MLA Saurabh Bharadwaj says, "It is Congress party's own matter...All four… https://t.co/HKG9WUpapw pic.twitter.com/MqKnmnihpv
— ANI (@ANI) January 11, 2024
कांग्रेस का अपना मामला
मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद से BJP, कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस पर बोलते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये कांग्रेस का अपना मामला है.